सरयू समर्थक गिच्चू की गिरफ्तारी पर जमशेदपुर में हंगामा, सरयू राय की दखल के बाद हुई रिहाई।
प्रमुख बिंदु
सरयू राय की अपील: निर्भीक होकर मतदान करें, धमकी मिलने पर तुरंत मुझे सूचित करें
गिच्चू की गिरफ्तारी: कदमा पुलिस ने किया गिरफ्तार, सोनारी थाने में रखा
प्रकरण का विवरण: देर रात गिरफ्तारी के बाद सरयू समर्थकों ने किया विरोध प्रदर्शन
जमशेदपुर, कदमा थाना क्षेत्र में सोमवार रात सरयू राय के समर्थक निमाई अग्रवाल उर्फ गिच्चू को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद जमशेदपुर में सरयू समर्थकों ने हंगामा किया। सरयू राय ने वरीय पुलिस अधिकारियों से बात की और अंततः गिच्चू को रिहा कर दिया गया।
सरयू राय ने इस कार्रवाई को मंत्री बन्ना गुप्ता की “डराने-धमकाने की राजनीति पर पहला प्रहार” करार दिया और जनता से निर्भीक होकर मतदान की अपील की।
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विस्तार से,
जमशेदपुर: सोमवार देर रात जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के एनडीए प्रत्याशी सरयू राय के समर्थक और भाजपा कार्यकर्ता निमाई अग्रवाल उर्फ गिच्चू की गिरफ्तारी के बाद कदमा थाने में बवाल मच गया। पुलिस द्वारा गिच्चू की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में सरयू समर्थक कदमा थाना पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके बाद सरयू राय की व्यक्तिगत दखलअंदाजी के बाद गिच्चू को रिहा कर दिया गया।
क्या है मामला?
रात करीब पौने 12 बजे कदमा पुलिस गिच्चू के घर पहुंची और उन्हें थाने चलने को कहा। जब गिच्चू ने रात के इस समय बुलाए जाने का कारण पूछा, तो पुलिस ने जवाब दिया कि “डीएसपी साहब आपसे बात करना चाहते हैं।” गिच्चू के मना करने पर पुलिस ने दबाव बनाते हुए कहा कि यदि वह नहीं चलेंगे तो जबरन ले जाया जाएगा।
गिच्चू के साथ उनकी पत्नी भी कदमा थाना पहुंची। लेकिन थाने में पहुंचने पर पता चला कि गिच्चू को वहां नहीं बल्कि सोनारी थाने में ले जाया गया था। इस स्थिति से नाराज सरयू समर्थकों ने कदमा थाना में विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और पुलिस से गिच्चू की गिरफ्तारी का कारण पूछने लगे। पहले तो पुलिस ने गिरफ्तारी से इंकार कर दिया, लेकिन बाद में दबाव के कारण स्वीकार किया कि गिच्चू को सोनारी थाने में रखा गया है।
सरयू राय की दखल और गिच्चू की रिहाई
गिच्चू के समर्थकों ने सरयू राय को फोन कर इस मामले की जानकारी दी। सरयू राय स्वयं कदमा थाना पहुंचे और वहां मौजूद डीएसपी से सीधे सवाल किया कि गिच्चू को किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है। डीएसपी ने बताया कि गिच्चू को सोनारी थाने में रखा गया है और उनसे वहीं मुलाकात हो सकती है।
सरयू राय ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि गिच्चू को कदमा थाना में लाया जाए और यहीं से रिहा किया जाए। उनके इस बयान के बाद थाने में और भी तनावपूर्ण माहौल बन गया। अंततः सरयू राय ने जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से बातचीत की, जिसके बाद गिच्चू को पीआर बॉन्ड पर जमानत देकर रिहा कर दिया गया। पुलिस ने बाद में गिच्चू को सोनारी से कदमा थाना लाकर छोड़ा।
सरयू राय का बयान और चुनावी माहौल पर असर
इस घटना के बाद सरयू राय ने इसे मंत्री बन्ना गुप्ता के “डराने-धमकाने की राजनीति पर पहली चोट” बताया। राय ने कहा कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की धमकी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वह जनता की सुरक्षा के लिए तत्पर हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि 13 नवंबर को निर्भीक होकर मतदान करें और किसी प्रकार की धमकी मिलने पर उन्हें तुरंत सूचित करें।
राय ने कहा कि गिच्चू और उनके परिवार को डरा-धमका कर जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा में भय का माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि गिच्चू पहले बन्ना गुप्ता के करीब थे, लेकिन अब वह सरयू राय के समर्थन में हैं।
गिच्चू और उनकी पत्नी का पक्ष
गिच्चू ने बताया कि पुलिस ने बिना किसी कारण उनके घर पर पहुंचकर जबरन गिरफ्तार करने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी पत्नी और बेटी के साथ भी दुर्व्यवहार किया। गिच्चू की पत्नी ने कहा कि जो पुलिस अधिकारी उनके घर आए थे, वे नशे में थे और उनकी बेटियों को गलत नजर से देख रहे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोई महिला पुलिसकर्मी साथ नहीं थी और उनके पति को कदमा की बजाय सोनारी थाना ले जाया गया।
चुनाव आयोग को सरयू राय का संदेश
इस घटना के बाद सरयू राय ने चुनाव आयोग को पत्र भेजा जिसमें उन्होंने लिखा कि जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में निष्पक्ष चुनाव के लिए केंद्रीय पुलिस बल की तैनाती की जाए। राय ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन उनके कार्यकर्ताओं के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहे हैं और कांग्रेस प्रत्याशी मंत्री बन्ना गुप्ता के पक्ष में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में आयोग से हस्तक्षेप की मांग की।
निष्कर्ष
इस घटना के बाद सरयू राय और उनके समर्थकों के बीच खासा जोश और आक्रोश देखने को मिला। गिच्चू की रिहाई के बाद समर्थकों ने रंकिणी मंदिर जाकर मां काली के दर्शन किए और निमाई अग्रवाल को उनके जन्मदिन पर बधाई दी। इस मामले ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है और अब सभी की नजर 13 नवंबर को होने वाले मतदान पर है।