जमशेदपुर: दिनांक 14 जून 2024 को रोजो संक्रांति के पावन अवसर पर, मानगो के उलीडीह में आदिवासी मूलवासियों द्वारा एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में मानगो नगर निगम के अपर नगर आयुक्त, श्री रंजीत लोहरा उपस्थित हुए।
कार्यक्रम में श्री लोहरा ने आदिवासी समुदाय के विकास और कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वे हमेशा आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए काम करने के लिए तैयार रहेंगे।
उलीडीह ग्राम प्रधान मुंडा श्री अशोक बिरुआ और अन्य ग्राम सदस्यों ने श्री लोहरा का स्वागत किया। कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। स्थानीय निवासियों ने उत्साह के साथ इन कार्यक्रमों में भाग लिया।
इस अवसर पर श्री बिरुआ ने कहा कि रोजो संक्रांति आदिवासी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो उनकी संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस त्योहार को मनाने से युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने और अपनी विरासत को संजोने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम का समापन नाच-गाने और आतिशबाजी के साथ हुआ। यह कार्यक्रम उलीडीह ग्राम सभा और आदिवासी समुदाय के लिए एक सफल आयोजन था।
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कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथि और स्थानीय लोग:
- मुख्य अतिथि: श्री रंजीत लोहरा, अपर नगर आयुक्त, मानगो नगर निगम
- ग्राम प्रधान मुंडा: श्रीमान अशोक बिरुआ
- उलीडीह ग्राम सदस्य
- क्षेत्र के अन्य सभी स्थानीय नागरिक
कार्यक्रम की विशेषताएं:
- रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन
- खेलकूद प्रतियोगिताएं
- स्थानीय निवासियों का उत्साहपूर्ण भागीदारी
- आदिवासी संस्कृति और परंपरा का प्रदर्शन
- नाच-गाने के साथ कार्यक्रम का समापन
मुख्य अतिथि का संबोधन:
श्री रंजीत लोहरा ने आदिवासियों की उन्नति के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने आने वाली पीढ़ी से अपनी परंपराओं को जीवित रखने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें किसी उन्नति कार्यक्रम के लिए बुलाया जाएगा, वे भरपूर सहयोग करेंगे।
महत्व:
यह महापर्व आदिवासी समुदाय की समृद्ध संस्कृति और परंपरा को दर्शाता है। यह युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने और अपनी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।
निष्कर्ष:
रोजो संक्रांति का यह उत्सव आदिवासी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आयोजन है। यह उन्हें एकजुट करता है और उनकी साझा विरासत का सम्मान करता है।
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