Election

नामांकन दाखिल करते ही भाटिया पहुंचे शिरडी, महाल्सापति के वंशजों ने किया सम्मानित

Published

on

दिल्ली के बंगला साहिब में भी अखंड पाठ का हुआ समापन

शिरडी: साईंभक्तों और पत्रकारों के बीच इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं पूर्वी जमशेदपुर से निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले आंदोलकारी पत्रकार प्रीतम सिंह भाटिया। शुक्रवार की देर शाम नामांकन के बाद जमशेदपुर एसडीएम ऑफिस से घर पहुंचते ही भाटिया ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की, जिसमें AISMJWA ऐसोसिएशन के पूर्व प्रदेश महासचिव सुनील पांडेय और झारखंड वनांचल टाईम्स के संपादक मधुरेश बाजपेयी भी उपस्थित थे। बैठक में चुनाव की तैयारियों पर विशेष रूप से चर्चा के बाद भाटिया ने अचानक शिरडी जाने का निर्णय लिया और रांची से शिरडी के लिए रवाना हो गए।

शिरडी पहुंचते ही खंडोबा मंदिर में महाल्सापति के वंशजों द्वारा भाटिया को साईं चादर ओढ़ाकर उनका सम्मान किया गया और उनकी जीत की कामना की गई। उनके चुनाव प्रतिनिधि नीतू दूबे ने जानकारी देते हुए बताया कि भाटिया एक धार्मिक और आध्यात्मिक व्यक्तित्व वाले पत्रकार हैं, जो सभी धर्मों का आदर करते हैं और धार्मिक यात्राओं में गहरी रुचि रखते हैं। नीतू दूबे ने कहा कि वे हर साल साईं बाबा के दरबार में चार-पांच बार जाते हैं, लेकिन इस वर्ष वे लगभग हर दो महीने में शिरडी जा रहे थे।

यह भी पढ़ें : डा. अजय ने लिया था मजदूर हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय – अरुण कुमार सिंह

खंडोबा मंदिर के संस्थापक महाल्सापति की पांचवीं पीढ़ी के वंशज नीलेश नागरे ने भाटिया को अंगवस्त्र से सम्मानित किया। गौरतलब है कि साईं बाबा पहली बार शिरडी में नीम पेड़ के नीचे दिखाई दिए थे और उसके कुछ ही महीने बाद गायब हो गए थे। बाद में खंडोबा मंदिर में एक बारात में शामिल होकर शिरडी पहुंचे, जहां पुजारी महाल्सापति ने उन्हें “साईं” नाम से संबोधित किया और इस तरह वे शिरडी के साईं बाबा कहलाए।

नामांकन से पूर्व भाटिया अपने परिवार के साथ शिरडी और दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे भी गए थे, जहां अखंड पाठ का आयोजन भी किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version