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नामांकन करते ही गरजे प्रीतम भाटिया, बोले- पत्रकारों और सिखों का इस्तेमाल बंद करो, देश में लागू हो पत्रकार सुरक्षा कानून

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जमशेदपुर, झारखंड। आगामी विधानसभा चुनावों में पूर्वी जमशेदपुर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी प्रीतम भाटिया ने नामांकन दाखिल करने के बाद जनता के सामने अपनी महत्वपूर्ण राय व्यक्त की। भाटिया ने न केवल पत्रकारों के साथ हो रहे व्यवहार पर सवाल उठाया, बल्कि सिख समुदाय के राजनीतिक इस्तेमाल पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग करते हुए कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं और उन्हें निष्पक्ष व स्वतंत्रता से कार्य करने का अधिकार मिलना चाहिए।

“पत्रकारों और सिखों का इस्तेमाल बंद करो”

नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत में भाटिया ने पत्रकारों और सिख समुदाय के राजनीतिक इस्तेमाल पर आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दल अपने स्वार्थों के लिए सिख समुदाय का भावनात्मक और सांस्कृतिक आधार पर उपयोग कर रहे हैं, जो समाज के लिए उचित नहीं है। भाटिया ने कहा, “सिखों का योगदान राष्ट्र निर्माण में अभूतपूर्व रहा है, लेकिन कुछ लोग उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में देख रहे हैं। इसे बंद करना जरूरी है।” उन्होंने अपील की कि सिख समुदाय को वोट बैंक के रूप में नहीं, बल्कि देश के एक अहम अंग के रूप में देखा जाए और उनके मान-सम्मान की रक्षा की जाए।

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देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग

पत्रकारों के खिलाफ बढ़ते हमलों पर गहरी चिंता जताते हुए भाटिया ने देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की बात कही। उनका मानना है कि पत्रकारों को सुरक्षा मिलनी चाहिए ताकि वे बिना किसी दबाव या डर के सच को जनता के सामने रख सकें। “पत्रकारों का काम ही समाज को जागरूक करना है, लेकिन अगर उन्हें खुद की सुरक्षा का डर रहेगा, तो वो अपना काम ठीक से कैसे कर पाएंगे?” भाटिया ने कहा। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाए और पत्रकारों को संरक्षित करने के लिए एक कानून बनाए।

पूर्वी जमशेदपुर में विकास की रुकावट – पक्ष और विपक्ष की आपसी टकराहट

भाटिया ने क्षेत्र की विकास संबंधी समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया। उनका मानना है कि पूर्वी जमशेदपुर क्षेत्र के विकास में सबसे बड़ी बाधा यहाँ के पक्ष और विपक्ष के बीच की टकराहट है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की बेहतरी के लिए आवश्यक है कि राजनीतिक दल एक साथ मिलकर काम करें, न कि केवल अपने निजी हितों के लिए आपस में लड़ें। भाटिया ने कहा, “पूर्वी जमशेदपुर में पक्ष और विपक्ष के नेताओं के आपसी मतभेद और संघर्षों के चलते क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया है। अब वक्त आ गया है कि सभी राजनीतिक दल क्षेत्र की जनता के हित में काम करें और विकास की राह पर आगे बढ़ें।”

उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसे प्रत्याशी को चुनें जो उनके क्षेत्र के विकास के प्रति ईमानदार और प्रतिबद्ध हो। भाटिया ने विश्वास दिलाया कि यदि उन्हें जनता का समर्थन मिला, तो वे पूर्वी जमशेदपुर के विकास के लिए न केवल आवश्यक योजनाएं लागू करेंगे, बल्कि समाज में एकता और समरसता का माहौल भी बनाएंगे।

भाटिया ने अपने नामांकन के पीछे के उद्देश्यों और विचारधारा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वे आम जनता की आवाज को सदन में पहुंचाने का काम करेगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी। उन्होंने आगे कहा कि वे किसी विशेष वर्ग के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए काम करेंगे। हमारा उद्देश्य केवल चुनाव जीतना नहीं, बल्कि जनता के विश्वास को जीतना है।

प्रीतम भाटिया के इस बयान से न केवल राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मचा दी है, बल्कि पत्रकारों और सिख समुदाय के मुद्दों को भी फिर से चर्चा में ला दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता उनके इस विचार और दृष्टिकोण को किस रूप में स्वीकारती है और आगामी चुनावों में किस प्रकार का निर्णय लेती है।

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