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दोस्तों ने की बचपन के दोस्त की हत्या। मामला बस इतना सा ही था।

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Crime Diary : कहते हैं दोस्त से बढ़कर दोस्तो के लिए दुनियाँ में कुछ भी नहीं होता लेकिन क्या हो अगर एक दोस्त, दूसरे दोस्त का ही कातिल बन जाये, उसकी हत्या कर दे। ऐसे कई मामले अब सामने आ रहे हैं जिसमें दोस्तों ने मिलकर एक दोस्त को ही जान से मार दिया है। वजह बस मामूली सी। 

ऐसा ही एक मामला देवघर जिले के जसीडीह थाना क्षेत्र का है, जहां एक बचपन के दोस्त की हत्या उसी के बचपन के दोस्तों ने मिलकर कर दी। हत्या का घटनाक्रम बिल्कुल फिल्मी अंदाज में किया गया ताकि किसी को उनपर शक न हो।

बता दें कि हत्यारे दोस्त अविनाश झा और कुश कुमार अपने नाबालिग दोस्त वैभव कुमार को उसके घर से बुलाकर अपने साथ खेलने के लिए ले गए। खेलते – खेलते खेलने हत्यारे दोस्त वैभव को गांव से दूर जंगल ले गए। एकांत और अंधेरा का लाभ उठाते हुए उन्होंने वैभव की हत्या कर दी। यही नहीं लाश किसी को न मिले इसके लिए उन दरिंदों ने लाश के अनेकों टुकड़े कर दिए और लाश के टुकड़ों को पलंगा पहाड़ी के झाड़ियों में इधर – उधर फेंक दिया। 

देर रात वैभव जब घर नहीं लौटा तो घर वालों ने गांव में खोजबीन की। पता चला कि किसी ने उसे दोस्तों के साथ शाम में उसे देखा था। परिवार वालों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय पुलिस को वैभव के लापता होने की सूचना दी।

पुलिस ने सूचना मिलते ही सबसे पहले खोजबीन दोस्तों के स्तर से ही आरम्भ की।इस क्रम में हत्यारा कुश कुमार से भी बातचीत की गई। बातचीत में ही उसने कई राज उगल दिए। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और रात में ही करीब 11:00 बजे टुकड़े किये वैभव के शरीर को बरामद किया। क्षत-विक्षत अवस्था में वैभव के शरीर झाड़ियों में मिले, जिसे कुछ आवारा कुत्ते नोच रहे थे। 

जानकारी के अनुसार, मृतक वैभव रोहिणी निवासी गगन मिश्रा का पुत्र था। पुलिस की पूछताछ में हत्यारा कुश ने बताया कि वे लोग वैभव को मारना नहीं चाहते थे। प्लान उसके घर वालों से फिरौती लेने का था। लेकिन मामला बिगड़ गया और खुद को बचाने के लिए वैभव को मार दिया गया।

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