नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने देश भर में शिक्षा संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने के उद्देश्य से एक व्यापक अभियान शुरू किया है। इस अभियान की शुरुआत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा की गई है।
तम्बाकू के दुष्प्रभाव
तम्बाकू के उपयोग से अनेक गंभीर बीमारियां होती हैं और हर साल भारत में लगभग 1.35 मिलियन मौतें तम्बाकू के कारण होती हैं। भारत तम्बाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक है। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (जीवाईटीएस) 2019 के अनुसार, 13 से 15 वर्ष की आयु के 8.5 प्रतिशत स्कूली छात्र विभिन्न रूपों में तम्बाकू का सेवन करते हैं।
तम्बाकू मुक्त शिक्षा संस्थान दिशानिर्देश
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनसीटीपी) के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नाबालिगों और युवाओं को तम्बाकू के सेवन से बचाने के लिए “तम्बाकू मुक्त शिक्षा संस्थान” दिशानिर्देश जारी किए हैं। शिक्षा मंत्रालय ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए “तम्बाकू मुक्त शिक्षा संस्थान कार्यान्वयन मैनुअल” विकसित किया है, जिसे 31 मई, 2024 को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (डब्ल्यूएनटीडी) पर लॉन्च किया गया।
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अभियान की गतिविधियां
सिटी एसपी मुकेश कुमार लुणायत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तम्बाकू मुक्त शिक्षा संस्थानों के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने निम्नलिखित गतिविधियां शुरू की हैं:
1. तम्बाकू मुक्त क्षेत्र साइनेज: शिक्षा संस्थान के परिसर और प्रवेश द्वार पर ‘तम्बाकू मुक्त क्षेत्र’ और ‘तम्बाकू मुक्त शिक्षा संस्थान’ के साइनेज प्रदर्शित करना।
2. साक्ष्य रहित परिसर: परिसर के अंदर तम्बाकू के उपयोग का कोई सबूत नहीं होना चाहिए।
3. जागरूकता सामग्री: तम्बाकू के नुकसान पर पोस्टर और अन्य जागरूकता सामग्री प्रदर्शित करना।
4. नियमित गतिविधियां: हर छह महीने में तम्बाकू नियंत्रण गतिविधि का आयोजन करना।
5. तम्बाकू मॉनिटर: तम्बाकू मॉनिटर का नामांकन और उनके नाम, पदनाम और संपर्क नंबर साइनेज पर दर्शाना।
6. आचार संहिता: शिक्षा संस्थानों की आचार संहिता में “तम्बाकू उपयोग न करने” संबंधी दिशा-निर्देशों को शामिल करना।
7. 100 गज का क्षेत्र: शिक्षा संस्थान की चहार-दीवारी से 100 गज के क्षेत्र को तम्बाकू मुक्त चिह्नित करना और वहां तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाना।
8. शपथ ग्रहण: तम्बाकू के उपयोग के खिलाफ शपथ लेना।
नागरिक समाज की भूमिका
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नुक्कड़ नाटकों, वीडियो फिल्मों, गैर सरकारी संगठनों, संसाधन व्यक्तियों आदि द्वारा जागरूकता संदेश फैलाने पर भी जोर दिया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूल प्रबंधन समिति की बैठकों, राष्ट्रीय सामाजिक सेवा और विद्यांजलि-स्कूल स्वयंसेवी पहल के माध्यम से सभी हितधारकों को जागरूकता फैलाने की सलाह दी गई है।
अभियान का लक्ष्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देश भर के शिक्षा संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाना और छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों तथा संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना है।
शिक्षा मंत्रालय के इस महत्वपूर्ण कदम से उम्मीद है कि तम्बाकू सेवन में कमी आएगी और बच्चों व युवाओं का स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा।
“तम्बाकू मुक्त शिक्षा संस्थान” मैनुअल का लिंक:
https://dsel.education.gov.in/sites/default/files/guidelines/im_tofel.pdf