ढाई आखर प्रेम की पदयात्रा दूसरे दिन की यात्रा कालाझोर उत्क्रमित मध्य विद्यालय से सुबह 8:00 बजे प्रारंभ हुई और राजाबासा की गलियों में गाते बजाते राजाबासा अखड़ा पहुंची।
ढाई आखर प्रेम की पदयात्रा दूसरे दिन की यात्रा कालाझोर उत्क्रमित मध्य विद्यालय से सुबह 8:00 बजे प्रारंभ हुई और राजाबासा की गलियों में गाते बजाते राजाबासा अखड़ा पहुंची।
ढाई आखर प्रेम की पदयात्रा के दूसरे दिन की यात्रा की कालाझोर उत्क्रमित मध्य विद्यालय से सुबह 8:00 बजे प्रारंभ हुई। 9:30 बजे यात्रा राजाबासा पहुंची। पदयात्री राजाबासा की गलियों में गाते बजाते राजाबासा अखड़ा में पहुंचे, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत जमशेदपुर इप्टा के बाल कलाकारों के द्वारा ढाई आखर प्रेम रे साधो गीत से हुई। इसके बाद छत्तीसगढ़ इप्टा के कलाकारों ने निसार अली के नेतृत्व में ढाई आखर प्रेम नामक नाटक पेश किया गया। नाटक के बाद पलामू इप्टा के कलाकारों के द्वारा एकता समानता शांति के लिए गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के बीच सिद्धराम मुर्मू, दुलाल हादसा, मंगल मुर्मू को प्रेम और श्रम का प्रतिक गमछा भेंटकर सम्मानित किया गया। इसके बाद चंपा मुरमू, सोमवारी हेंब्रम, रायमुनि टुडू संताली गीत प्रस्तुत किया। अपने गीत के माध्यम से उन्होंने माता – पिता के प्रति अगाध प्रेम को प्रतिबिंबित करते हुए बताया कि जिस मां – बाप ने हम लोगों को जन्म दिया आज जब उनके सेवा का वक्त आया तो हम सब को छोड़कर विदा हो गए। कार्यक्रम के अंत में शैलेंद्र कुमार ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया में हिंसा का माहौल है। सत्ता के लोग आपस में फूट पैदा कर अपने वर्चस्व को बरकरार रखना चाहते हैं। समाज को आज प्रेम की जरूरत है। हम प्रेम का संदेश अपने गीतों में लेकर आए हुए हैं। हमारे गीत प्रेम के गीत हैं भूख के विरुद्ध भात के गीत हैं।
कार्यक्रम का संचालन शेखर मलिक ने किया। इस गांव में सभी बांग्ला भाषी मिले। लेकिन आपसी प्रेम के कारण भाषा की कोई समस्या नहीं रही। दर्जनों संस्कृतिकर्मीयों के साथ डॉक्टर अली इमाम खान, डीएस आनंद, भावी पीढ़ी के संपादक ओम प्रकाश सिंह, रायगढ़ से आए रविंद्र चौबे, अहमद बद्र, अंजना, सहेंद्र यात्रा में साथ चल रहे हैं। दूसरे दिन की यात्रा में विशेष रूप से जमशेदपुर इप्टा की बाल टीम आकर्षण का केंद्र रही। बाल टीम में रोशनी, वर्षा, सुजल, करण शामिल थे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान राजाबासा के ग्रामीणों से बातचीत क्रम यह पता चला कि इस गांव में संताली समुदाय के लोग भी रहते हैं। यह भी पता चला कि इस गांव में दो भाषा बोली जाती है, पहला संताली दूसरा बांग्ला।बातचीत के बाद यात्रा गाते बजाते वृंदावनपुरी चौक पर पहुंचते ही एक गीत प्रस्तुत कर यात्रा आगे बढ़ी।
1:00 बजे यात्रा खडियाडीह पहुंची। खड़ियाडीह गांव में पहुंचते ही देखा कि एक मैदान सजी सजाई कुर्सीयां लगी हुई थी। इस मैदान में पदयात्रा में शामिल लोगों का वीणा पाणी क्लब के द्वारा स्वागत किया गया। उस मैदान में एक मकान दिखा। वह मकान वीणा पाणी क्लब का कार्यालय था। मैदान में वीणा पाणी क्लब के द्वारा ढाई आखर प्रेम के पद यात्रियों में शामिल कलाकारों का सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रारंभ में वीणा पाणी क्लब के बाल कलाकारों के द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इसके बाद जमशेदपुर बाल इप्टा के कलाकारों ने ढाई अक्षर प्रेम गीत प्रस्तुत किया।
गीत की प्रस्तुति के बाद निसार अली के निर्देशन में नाच थिएटर शैली के माध्यम से चालक शिकारी गम्मत का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद अली इमाम खान ने यात्रा के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में पूरी दुनिया हिंसा के दौर से गुजर रही है। इस हिंसा के दौर में हमारा जीवन समस्याओं से घिर चुका है। ऐसे में यह यात्रा जरूरी है।
कार्यक्रम के अंत में पद यात्रियों के द्वारा प्रभात खबर के पत्रकार मोहम्मद परवेज को प्रेम और श्रम का प्रतीक गमछा भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मोहम्मद परवेज ने कहा कि प्रेम के संवाद को गांव-गांव तक ले जाने के लिए इस तरह का पहल जरूरी है। पद यात्रियों की जितनी भी सराहना की है कम है। इसके बाद मनोरंजन महतो ने बांग्ला भाषा में झूमर प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के समापन के बाद वीणा पाणी क्लब के द्वारा पदयात्रा में शामिल लोगों को भोजन कराकर विदा किया गया।
बातचीत के बाद यह पता चला कि वीणा पाणी क्लब इस गांव का लगभग 100 वर्ष पुराना क्लब है। इस क्लब में शिवनाथ सिंह अपना पूरा समय देते हैं और बच्चों को शास्त्रीय संगीत सीखते हैं। बता दें कि शिवनाथ सिंह शास्त्रीय संगीत के शिक्षक तो हैं ही एक किसान भी है। शिवनाथ सिंह के साथ निखिल रंजन महतो और गांव के लोग मिलकर क्लब की देखरेख करते हैं। देखरेख काम करते हैं।
गाते बजाते ढाई आखर प्रेम की यात्रा खड़ियाडीह गांव से बड़बिल गांव पहुंची। बड़बिल के हरि मंदिर के पास पद यात्रियों सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों से संवाद स्थापित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अहमद बद्र ने कहा कि सिर्फ किताब पढ़ने से व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर सकता है। प्रेम के बगैर ज्ञान अधूरा होता है। जिस ज्ञान में प्रेम का समावेश होता है वही ज्ञान मानव की सुरक्षा की बात कर सकता है। इसके बाद सांस्कृतिक निसार अली के नेतृत्व में अफवाह नमक गम्मत प्रस्तुत किया गया। गम्मत के बाद एकता सामानता शांति के लिए सामूहिक गीत प्रस्तुत किया गया। पद यात्रियों के द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों को स्थानीय लोगों ने काफी सराहा और आगे की यात्रा के लिए आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया। इसके बाद ढाई आखर प्रेम की यात्रा गालूडीह के लिए प्रस्थान किया। शाम 6:00 बजे गालूडीह के आंचलिक मैदान में पहुंचा और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति के बाद दर्शकों ने कहा कि आप लोग सुबह भी कार्यक्रम कीजिए।
Sign Up For Daily Newsletter
Be keep up! Get the latest breaking news delivered straight to your inbox.
By signing up, you agree to our Terms of Use and acknowledge the data practices in our Privacy Policy. You may unsubscribe at any time.