झारखंड

टिनी टॉय प्ले स्कूल में शिक्षिका ने 3 साल के बच्चे की करदी बेरहमी से पिटाई। प्ले स्कूल की प्रिंसीपल ने उल्टे घरवालों पर लगाया आरोप।

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THE NEWS FRAME
प्रतीकात्मक चित्र 

जमशेदपुर | झारखण्ड 

कदमा थाना अंतर्गत टिनी टॉय प्ले स्कूल में शिक्षिका ने 3 साल के बच्चे की करदी बेरहमी से पिटाई। मामला परसो का है। परिजनों ने आरोप लगाया है की बच्चे को मारा है। परिजनों ने यह आरोप भी लगाया है की स्कुल  प्रबंधन ने सी सी टीवी फुटेज में छेड़छाड़  की है। इस सम्बन्ध में बच्चे की मां ने आज कदमा थाने में लिखित शिकायत दर्ज किया है। 

इस मामले जानकारी होते ही अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ उमेश कुमार ने पूजा शुक्ला से संपर्क कर आज कदमा थाना पहुंचे और मामले की लिखित शिकायत करते हुए बताया की टिनी प्ले स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में कानून का उल्लंघन किया है। 3 साल के बच्चे के साथ मारपीट करना कानूनन अपराध है। बच्चे की माता पूजा शुक्ला का आरोप है की टिनी प्ले स्कूल की प्रिंसिपल ने बच्चे को स्कूल न भेजने को कहा है। यह राइट टू एजुकेशन का उल्लंघन है। 

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और इस सम्बन्ध में स्कुल की प्रिंसिपल को थाने बुलाया। पुलिस ने छात्र की मां का बयान लिया। साथ ही स्कूल की ओनर रेखा गुप्ता से भी पूछताछ की। रेखा गुप्ता का कहना है कि बच्चा काफी चंचल है। वह अपने शर्ट से धागा निकालकर होंठ पर लगा रहा था। इसीलिए, टीचर ने उसे हल्के से मार दिया था।

हालाँकि प्ले स्कूल की प्रिंसीपल ने मारपीट के आरोप को बेबुनियाद बताया है। इस सम्बन्ध में उनका कहा है कि स्कुल में ऐसी कोई घटना ही नहीं  हुई है, पुलिस सीसीटीवी कि जांच कर सकती है। प्रिंसिपल ने घरवालों पर किया सन्देश। 

प्ले स्कूल की प्रिंसीपल ने उल्टे घरवालों पर लगाया आरोप 

प्रिंसिपल का आरोप है कि बच्चे की मां उनको लगातार पुलिस की धमकी और पति के आर्मी में होने का रोब दिखाती थी। प्रिंसिपल ने आगे कहा कि जब बच्चे की मां ने उन्हें फोन पर कहा कि टीचर ने बच्चे को पीटा है तो उन्होंने बच्चे के साथ आने को कहा और खुद सीसीटीवी में चेक किया।लेकिन आरोप गलत निकला। ऐसी कोई घटना नहीं हुई। प्रिंसिपल ने यहाँ तक कहा की वे सभी अभिभावकों और प्रशासन के साथ मीटिंग और हर तरह से सहयोग के लिए तैयार हैं। 

प्रिंसीपल ने बताया कि बच्चे को कुछ समय पहले बागे जमशेदपुर से निकालकर मां उसे इनके यहां दाखिल कराया है। प्रिंसिपल का कहना है कि बागे जमशेद में जाकर जांच और पूछताछ की जाये, शायद कुछ और सच्चाई सामने आ जाए, कि आखिर क्यों वहां से बच्चे को हटाया गया।    

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