जमशेदपुर । झारखंड
THE TINPLATE Sarbajanin Durga Puja Committee
टिनप्लेट सार्बजनिन दुर्गा पूजा समिति 20 अक्टूबर 2023 (महाषष्ठी) से 24 अक्टूबर (विजय दशमी) 2023 तक इवनिंग क्लब (गोलमुरी) परिशर में अपने 91वें शरद उत्सव का जश्न मनाएगी। परंपरागत रूप से यह पूजा महामारी प्रतिबंधों के कारण 2020 और 2021 में दो वर्षों को छोड़कर धीम-आधारित उत्सव के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने का प्रयास करती है।
माँ दुर्गा के आशीर्वाद से, इस वर्ष पूजा समारोह आयोजित किया जाएगा और इस वर्ष के उत्सव का विषय स्वामी विवेकानन्द – भारत के आध्यात्मिक एकीकरणकर्ता है। यह पंडाल कन्याकुमारी के विवेकानन्द रोक टेम्पल की प्रतिकृति होगा। इस पंडाल को तैयार करने के लिए पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले से कलाकार आये हैं।
पूजा का उद्घाटन महापष्ठी (20 अक्टूबर 2023) की शाम को होगा। उद्घाटन कार्यक्रम में भारत की अध्यात्मिक यात्रा पर विवेकानंद के प्रभाव पर थीम आधारित नृत्य, संगीत और कथन शामिल होगा। हमारी पूजा की व्यवस्था बहुत पारंपरिक तरीके से की जाती है और हम भारतीय विरासत के अनुसार इस महान त्योहार के सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं जिसमें समिति की महिलाएं और क्षेत्र के बच्चे उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।
पूजा को एकल उपयोग प्लास्टिक के पूर्ण प्रतिबंध पर ध्यान केंद्रित करते हुए पर्यावरण जागरूकता के साथ मनाया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में हमारी पूजा को जिला प्रशासन द्वारा कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। जिला प्रशासन और केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति द्वारा सभी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है।
इस वर्ष पूजा उत्सव के प्रमुख आकर्षण है।
महाषष्ठी- बोधन पूजा एवं उद्घाटन कार्यक्रम
महासप्तमी – नवपत्रिका प्रवेश, महासप्तमी पूजा, सुबह पुष्पांजलि और शाम की आरती, सांस्कृतिक कार्यक्रम। महाअष्टमी – महाअष्टमी पूजा, सुबह आरती, पुष्पांजलि और संधि पूजा, शाम की आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम। महानवमी – महानवमी पूजा के अलावा, हमारे पूजा उत्सव का एक प्रमुख आकर्षण महाप्रसाद है, जो आम तौर पर महानवमी के दिन आयोजित किया जाता है. जहां 300 से अधिक विभिन्न प्रकार के घर के बने व्यंजन मां दुर्गा को समर्पित किए जाते हैं, और योगदान दिया जाता है। स्थानीय समुदाय के परिवार इस वर्ष भी महानवमी पर महाप्रसाद की व्यवस्था कर रहे हैं। शाम को प्रमुख आकर्षण धुनुची नृत्य और उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हैं।
विजयदशमी – सिन्दूर भरण और सिन्दूर खेला, बाद में विसर्जन यात्रा ।
आयोजन समिति अत्यंत सुरक्षित, हरित, सफल पूजा की आशा कर रही है।