झारखंड
झारखंड में शिक्षक पदों को समाप्त करने के निर्णय का AIDYO ने किया विरोध, बताया युवाओं के भविष्य से क्रूर मज़ाक
रांची : झारखंड सरकार द्वारा हाई स्कूल के 8650 और प्लस टू के 250 शिक्षक पदों को समाप्त किए जाने के निर्णय का ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन (AIDYO) ने कड़ा विरोध किया है। संगठन की झारखंड राज्य कमिटी की ओर से राज्य सचिव हराधन महतो ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए सरकार के इस फैसले को बेरोजगार युवाओं के साथ “क्रूर मज़ाक” करार दिया है।
AIDYO का कहना है कि यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब राज्य के सैकड़ों विद्यालय शिक्षक संकट से जूझ रहे हैं और कई स्कूल केवल एक या दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। संगठन ने आरोप लगाया कि यह कदम सरकारी स्कूलों को कमजोर कर निजी शिक्षा संस्थानों को बढ़ावा देने की साज़िश है।
बेरोजगारी के बीच उम्मीदों पर कुठाराघात
AIDYO ने यह भी कहा कि झारखंड समेत पूरे देश में बेरोजगारी चरम पर है और लाखों पढ़े-लिखे युवा रोजगार की तलाश में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। वे लाइब्रेरी में घंटों पढ़ाई कर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन सरकार का यह निर्णय उनकी उम्मीदों पर पानी फेरने जैसा है।
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AIDYO की मांगें
AIDYO ने राज्य सरकार से मांग की है कि:
- शिक्षक पदों की कटौती के निर्णय को अविलंब वापस लिया जाए।
- रिक्त पड़े सभी शिक्षकीय पदों का विज्ञापन जारी कर शीघ्र बहाली प्रक्रिया शुरू की जाए।
सरकार की नीतियों पर सवाल
राज्य सचिव हराधन महतो ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर शिक्षा का निजीकरण बढ़ाने और सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था को जानबूझकर कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि AIDYO इस नीतिगत हमले का पुरजोर विरोध करती है और युवाओं के हक के लिए संघर्ष जारी रखेगी।