Jamshedpur : बुधवार 09 नवंबर, 2022
“वो करे बात तो हर लब्ज़ से खुशबू आये। ऐसी बोली वही बोले जिसे उर्दू आए।”
हर साल 9 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय उर्दू दिवस जोश खरोशो से मनया जाता है। इस साल भारत में ही नहीं बाल्की पूरी दुनिया में मनया जा रहा है।
आज झारखंड मानवता फाउंडेशन के द्वार एम एस आईटीआई में उर्दू दिवस मनाया गया। एमएस आईटीआई के निर्देशक जनाब खालिद इकबाल ने कहा उर्दू पढ़ने, बोले के अलावा लिखने पर भी जोर दें। उर्दू के अवेयरनेस प्रति काम करें और मुहीम चलें। उर्दू ज़बान की पैदाइश भारत में हुई और हिंदी और उर्दू दोनों सगी बहने है। जो अपने दम पर अंतरराष्ट्रीय भाषा बन गई। लेकिन हमारा राज्य आजकल उर्दू शिक्षक की बहली नहीं कर रहा है। उर्दू के सिलेबस की किताब नहीं है। उर्दू का नाम मिटाया जा रहा है। उर्दू अकादमी और उर्दू बोर्ड नहीं बनायी जा रहे हैं। यानी हर तरह से उर्दू का गला घोटा जा रहा है। इसके लिए सभी सरकार और जनता भी जिम्मेदार है।
आज के कार्यक्रम को बनाने में मुख्य रूप से मसरूर, फैयाज, अहद, शमसुद्दीन, आजाद, हाशमी, सरवर, विनय, बिलाल और आरजू मौजुद थे।