महाराष्ट्र

जादू का निर्माण: एनिमेशन फिल्मों का विकास और उनके प्रति युवाओं और वयस्कों का स्थायी आकर्षण

Published

on

मुख्य बिंदु: एमआईएफएफ ने ‘जादू का निर्माण: एनिमेशन फिल्मों का विकास और उनके प्रति युवाओं और वयस्कों का स्थायी आकर्षण’ पर हुई पैनल चर्चा की मेजबानी की

एक फिल्म जो दिल से आती है, वह लाखों दिलों तक जाती है: मोहम्मद खेइरांडिश

वैश्विक दर्शकों तक पहुंचने के लिए आपको वैश्विक सोच की आवश्यकता होती है: केतन मेहता

मैं अपनी फिल्म का पहला दर्शक होता हूं, जो फिल्म मुझे प्रभावित करती है, वह मेरे दर्शकों को प्रभावित करेगी: वैभव कुमारेश

भारतीय एनिमेशन फिल्में भी फीचर फिल्मों की तरह दुनिया पर राज करेंगी: जैकी भगनानी

मुंबई, महाराष्ट्र: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने-माने फिल्म निर्माता केतन मेहता ने आज 18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ) के दौरान आयोजित एक दिलचस्प पैनल चर्चा में कहा, “भारत कंटेंट का एक पावरहाउस है। रचनात्मकता की ऊंची महत्वाकांक्षा और वैश्विक मानसिकता के साथ, हमारा कंटेंट वैश्विक हो सकता है।”

भारत में एनिमेशन और डिजिटल विजुअल इफेक्ट्स के क्षेत्र में अग्रणी केतन ने कहा कि भारतीय एनिमेशन फिल्मों का समय आ गया है और वे उड़ान भरने के लिए तैयार हैं।

यह भी पढ़ें: मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2024: बायोग्राफिकल डॉक्यूमेंट्री बनाम बायोपिक्स पर ज्ञानवर्धक पैनल चर्चा

एनिमेशन फिल्म निर्माण को प्रभावित करने वाले कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए, अनुभवी फिल्म निर्माता ने कहा कि निर्माण लागत और वितरण बाजारों की कमी प्रमुख बाधाएं हैं। उन्होंने कहा, “हमें इस दुष्चक्र से बाहर निकलना होगा और पूरे जुनून के साथ फिल्में बनानी होंगी। अगर आप अपनी खुद की फिल्म से खुश नहीं हैं, तो इसे न बनाएं।”

पैनल चर्चा में भाग लेते हुए, एनीमेशन में 19 साल का अनुभव रखने वाले एक जाने-माने ईरानी लेखक, निर्देशक और पात्र डिजाइनर मोहम्मद खेइरांडिश ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी फिल्मों का कंटेंट (विषय वस्तु) वास्तविकता और स्थानीय परंपराओं को दर्शाता है, जो एनिमेशन के माध्यम से वैश्विक दर्शकों तक प्रभावी ढंग से पहुंचता है। उन्होंने कहा, “दिल से बनी फिल्म लाखों दिलों तक पहुंचने में सफल रहती है।”

मुंबई के वैभव स्टूडियो के संस्थापक और क्रिएटिव डायरेक्टर एवं एमी पुरस्कार के लिए नामांकित अंतर्राष्ट्रीय एनिमेशन फिल्म निर्माता वैभव कुमारेश ने एनिमेशन के माध्यम से दर्शकों को आकर्षित करने के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने जोर देकर कहा, “मैं अपनी फिल्म का पहला दर्शक होता हूं। अगर फिल्म मुझे प्रभावित करती है, तो यह निश्चित रूप से मेरे दर्शकों को भी प्रभावित करेगी। दर्शकों की नब्ज को समझना सबसे महत्वपूर्ण बात है।”

यह भी पढ़ें: झारखंड सरकार के पीजी पढ़ाई बंद करने के प्रस्ताव पर सेवानिवृत्त आईपीएस का कटाक्ष।

भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे युवा निर्माताओं में से एक जैकी भगनानी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत कंटेंट और प्रतिभा का एक उभरता हुआ केंद्र है, जिसकी उचित रूप से खोज करने और विकसित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “आजकल हमारे यहां इस्तेमाल हो रही तकनीक को देखें तो उचित मंच मिलने पर भारतीय एनिमेशन फिल्में आने वाले सालों में फीचर फिल्मों की तरह दुनिया पर राज करने की क्षमता रखती हैं।”

लाइव-एक्शन, एनिमेशन, गेमिंग और वीएफएक्स में 27 वर्षों का अनुभव रखने वाले रचनाकार (क्रिएटर), निर्माता और निर्देशक मुंजाल श्रॉफ ने इस सत्र का संचालन किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version