New Delhi : मंगलवार 19 अप्रैल, 2022
दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार 16 अप्रैल, 2022 को हुई हिंसक झड़पों के इस मामले में अबतक तीन नाबालिगों सहित 24 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उनमें से मुख्य पांच आरोपियों को चिन्हित करते हुए आतंकवाद विरोधी कानून के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा दिया गया है।
गृह मंत्रालय ने जिन आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया है उनमें अंसार, सलीम चिकना, यूनुस, आहिद और दिलशाद प्रमुख हैं।
बता दें की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना को फोन पर हिंसक झड़प की जानकारी ली थी साथ ही इस हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान भी किया था। बता दें की इस झड़प में कई पुलिसकर्मी और अन्य लोग घायल हुए थे।
बता दें कि झड़प शनिवार को हनुमान जयंती जुलूस के दौरान मस्जिद से गुजरने पर हुई जब भगवा झंडे वाले लोगों के साथ मस्जिद में उपस्थित मुस्लिम समुदाय के लोगों में बहस हो गई।
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि सभी आरोपियों की तलाश की जा रही है और दोषी पाए जाने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी वर्ग, पंथ, समुदाय और धर्म का हो।
जानकारी के मुताबिक अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से तीन देसी पिस्तौल और पांच तलवारें बरामद की गई हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दीपेंद्र पाठक के अनुसार गिरफ्तार लोगों में आठ हिंदू हैं और बाकी मुसलमान हैं।
क्या है NSA? और भारत में कब से लागू किया गया है?
एक व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने यानी एक वर्ष तक हिरासत में रखने की इजाजत देता है। यही नहीं, उसके खिलाफ आरोप बताए बिना 10 दिनों के लिए रखा जा सकता है। व्यक्ति उच्च न्यायालय के सलाहकार बोर्ड के समक्ष अपील कर सकता है लेकिन मुकदमे के दौरान वकील को अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह अधिनियम 1980 में इंदिरा गांधी सरकार के दौरान पारित किया गया था।
वर्ष 1980 का राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम
23 सितंबर 1980 को प्रख्यापित भारतीय संसद का एक अधिनियम है। यह अधिनियम पूरे भारत में फैला हुआ है। इसमें 18 खंड हैं। यह अधिनियम केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को किसी व्यक्ति को भारत की सुरक्षा, विदेशों के साथ भारत के संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव, या आपूर्ति के रखरखाव के लिए हानिकारक किसी भी तरह से कार्य करने से रोकने के लिए उसे हिरासत में लेने का अधिकार देता है। समुदाय के लिए आवश्यक सेवाओं के लिए ऐसा करना आवश्यक है। यह अधिनियम सरकारों को किसी विदेशी की उपस्थिति को नियंत्रित करने या देश से निष्कासित करने की दृष्टि से उसे हिरासत में लेने की शक्ति भी प्रदान करता है।