जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया अंतर्गत कालीमाटी हावड़ा ब्रिज के पास लगा है एक बोर्ड जिसपर साफ-साफ यह लिखा है – आप सब से निवेदन है कि यहाँ पर कूड़ा – कचरा इत्यादि न फेंके अन्यथा पकड़े जाने पर 500 से लेकर 5000 तक जुर्माना हो सकता है। आदेशानुसार
इस आदेश का जवाब यहां के लोगों ने कुछ इस तरह से दिया।
आदेश का उलंघन आम जनता किस तरह से कर रही है यह तस्वीर देख कर आप समझ चुके होंगे।
दोस्तों साफ़-सफाई की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की या नगर निगम / नोटिफाइड की नहीं है। आसपास की गन्दगी से वातावरण प्रदूषित होता है। इसके इर्द-गिर्द हम सब रहते हैं। यानी प्रदुषण हमारे आसपास है। प्रदूषित हवा और वातावरण में रहने से हमारा अस्वस्थ होना स्वाभाविक है। साथ ही पशु – पक्षी भी इससे प्रभावित होकर रोगों को बढ़ने में सहायक बनते हैं। वहीँ मक्खी और मच्छर का आतंक अलग। बहुत ही शर्म की बात है की आज इक्कीसवीं सदी में भी हमें यह सीखना पड़े की कचड़े को खुले में ना फेंके। खुले में पेशाब – पैखाना न करें।
भारत सरकार प्रत्येक वर्ष स्वच्छता के नाम पर कैम्पेन चलाती है। लोगों को हर स्तर से सिखलाती है की कचड़े को खुले में ना फेंके। उसे छांटकर सफाई वाले को दे। लेकिन अफ़सोस कुछ लोगों ने कसम खा रक्खी है, भैया हम तो नहीं सुधरेंगे।
चाहे जो कर लो।
तो भाई अपना न सही अपने आने वाले बच्चों के बारे में सोचो। जब न साँस लेने के लायक हवा रहेगी और न पीने के लिए स्वच्छ पानी। सांसें भी खरीदनी पड़ेंगी एक दिन। क्योंकि बढ़ते प्रदूषण इस दिन को जल्द लाने वाले हैं। धरती का संतुलित वातावरण जीवन के लिए खतरा बन जायेगा। इसलिए आज कुछ ऐसा करें की ये सब दिन किसी को न देखने पड़े। अपने आसपास सफाई रखें। दूसरों को भी स्वच्छता का पाठ अवश्य पढ़ाएं। तभी धरती पर जीवन का अस्तित्व बच पायेगा। अन्यथा उस दिन के लिए तैयार रहें।