झारखंड

जमशेदपुर की जीवनरेखा खरकई और स्वर्णरेखा के संरक्षण के लिए आगे आये जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय।

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जमशेदपुर | झारखण्ड 

मुख्य बिंदु :

खरकई और स्वर्णरेखा नदी की बदहाली पर बिष्टुपुर स्थित परमहंस लक्ष्मीनाथ  गोस्वामी मंदिर के सभागार में विधायक सरयू राय एवं विभिन्न राजनितिक दलों एवं समाजिक संगठनों के बीच परिचर्चा हुई. जेएनएसी, मानगो नगर निगम के विशेष पदाधिकारी, आदित्यपुर नगर निगम के अधिकारी उपस्थित हुए नदियों को साफ रखने के लिए साझा की अपनी कार्ययोजना. विधायक सरयू राय बोले आम जन के साथ सवर्णरेखा बचाओ-खरकई बचाओ फोरम बनाकर नदी संरक्षण के लिए शुरू करेंगे अभियान.

विस्तार से : 

जमशेदपुर की जीवनरेखा खरकई और स्वर्णरेखा के संरक्षण के लिए जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय की अगुवाई में विभिन्न राजनितिक दलों और समाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की एक परिचर्चा का आयोजन बिष्टुपुर स्थित परमहंस लक्ष्मीनाथ गोस्वामी मंदिर परिसर में आयोजित कि गई. इस अवसर पर जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी संजय कुमार, मानगो नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव, आदित्यपुर नगर निगम के अधिकारी, जेएनएसी के द्वारा बहला कंसल्टेंट उपस्थित हुए. 

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विधायक सरयू राय ने कहा की जमशेदपुर शहर का अस्तित्व स्वर्णरेखा और खरकई दोनो नदियों से है. पीछले कई वर्षों से कई बस्तियाँ नदियों के आस पास  बसीं है. नदी की पानी में प्रदुषण बढ़ते जा रहा है. धीरे धीरे नदी का पीने का पानी उपयोग के लायक नहीं रह गया है. 

उद्योगों की गंदगी सीधे नदियों में प्रवाहित हो रही है. घनी आबादी के बीच से जो नाले निकलते है उसका जल बिना साफ किए सीधे नदियों में जा रहा है. खरकई नदी वर्तमान में पुरी तरह से स्थिर हो गई है. ओडिशा डैम से पानी नहीं मिल रहा है. इंचा डैम और सतनाला डैम बनाने की योजना थी लेकिन डैम निर्माण का कार्य नही होने के कारण नदियों को उचित जल प्रवाह नहीं मिल पा रहा है.

नदी के किनारे अधिक संख्या में घरों का निर्माण होने से घरों का पानी सीधे नाले में होकर नदी में जा रहा है. जिन उद्योगों का पानी सीधे नदी में जा रहा है उन्हें शुद्ध कर नदी में प्रवाहित करने की आवश्यकता है. जिन घरों का पानी सीधे नालों में जा रहा है वहाँ सरकार को सौकपीट बनाना चाहिए. नदियों के जल को निर्मल और अविरल बनाने की आवश्यकता है. आज खरकई की अविरलता समाप्त हो गई है. खरकई नदी में नई तरह की जलकुम्भी उत्पन्न हो गई है. नदियों में किड़े पनप रहे हैं जिसे नष्ट करना एजेंसियों के बस के बाहर है.  नदियों को साफ करने के लिए जनता की भुमिका क्या हो सकती है इसपर मंथन करना होगा.

सरयू राय ने बताया की वर्ष 2004 में दामोदर बचाओ अभियान चलाया गया. उस समय पारवप्लांट की छाई सीधे नदी में प्रवाहित की जा रही थी. सरकार और उद्योगों से वार्ता हुई, भारत सरकार से सहयोग लिया गया और पीछले तीन वर्षों में दामोदर को उद्योगीक प्रदुषण से पुरी तरह से मुक्त कर लिया गया. नगरीय प्रदुषण से मुक्त करने के लिए भारत सरकार के सौजन्य से नमामी गंगा प्रोजेक्ट के तहत झारखंड में तीन जगह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है. 

स्वर्णरेखा और खरकई को भी नगरीय और उद्योगीक प्रदुषण से मुक्त करने के लिए अभियान चलाना होगा. स्वर्णरेखा बचाओ-खरकई बचाओ फोरम बनाकर अभियान चलाना होगा. जल संकट दिन – प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.

फर्स्ट पर्सन सिंगुलर नम्बर अर्थात हमारी पहल क्या हो सकती है इस दिशा में हमे विचार करना होगा. प्रतिदिन हमारी दिनचर्या में हम पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या कर सकते है इस बात पर विचार करना होगा.

श्री राय ने ऐलान किया दिनांक 5 जुन को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जमशेदपुर के आम नागरिकों के साथ सांकेतिक धरना का आयोजन किया जाएगा.

जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी, मानगो नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी, आदित्यपुर के अधिकारियों ने नदियों के संरक्षण और नालों की सफाई के लिए अपनी कार्य योजना की जानकारी साझा की. जेएनएसी के द्वारा बहाल कंसल्टेंट ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण की अपनी योजना बताई. 

कार्यक्रम का संचालन मुकुल मिश्रा ने किया. इस अवसर पर उपस्थित हुए समाजसेवी एके श्रीवास्तव, जिला परिषद उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा, अर्बन डेवलेपमेंट के कंसलटेंट बीपी यादव, जुडको के नैन मोदक, आदित्यपुर नगर निगम के अजक कुमार, मानव केडिया, सत्यनारायण अग्रवाल, मुन्ना सिंह, विनिता साह, शिवपुजन सिंह, आरवीवी सिंह, नीरू सिंह, शीतल खुल्लर, ओम प्रकाश सिंह, रविंद्र नाथ चैबे, दिलीप गोयल, तापस चटर्जी, काजल चैधरी, राम नारायण शर्मा, सुबोध श्रीवास्तव, मनोज सिंह उज्जैन, मंजु सिंह, चंद्रशेखर राव, प्रकाश कोया, अमित शर्मा, सहित अन्य उपस्थित थे.

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