झारखंड

छात्र आंदोलन की जीत : JAC प्रबंधक द्वारा 11वी के छात्रों के परीक्षा परिणाम में हुआ सुधार।

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THE NEWS FRAME

जमशेदपुर | झारखण्ड 

आज ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन झारखंड प्रदेश सचिव सोहन महतो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि विगत दिनो से AIDSO रांची जिला कमिटी की ओर से 11वी के छात्रों के परीक्षा परिणाम मे त्रुटि हुई थी। छात्र अपने परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट थे, क्युकी उन्हे एक दो अंकों से फेल कर दिया गया था। उसको लेकर AIDSO रांची जिला कमिटी के नेतृत्व में छात्र आंदोलन चलाया जा रहा था। कॉलेज से लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल तक कई दिनों से आंदोलन चलाया गया। 

17 जून एकेडमिक काउंसिल के मुख्य द्वार पर सैकड़ों छात्रों का प्रदर्शन हुआ। परंतु कोई आश्वासन नहीं मिला। अगले दिन 19 जून को फिर से सैकड़ों की संख्या में छात्र जुटे और धरना प्रदर्शन जारी रखा इसी दौरान सुबह से 4:00 बजे तक इंतजार करने के पश्चात एकेडमिक काउंसिल के चेयरमैन डॉ. अनिल कुमार महतो से ए•आई•डी•एस•ओ के प्रतिनिधि से मिले।

मुलाकात के दौरान JAC अध्यक्ष ने छात्र नेताओं के साथ अड़ियल रवैया अपनाया। तत्पश्चात चेयरमैन के आदेश से पुलिस प्रशासन को बुलाकर लाठीचार्ज किया गया। हमारे संगठन के रांची जिला अध्यक्ष श्यामल मांझी, जिला सचिव खुशबू कुमारी, एवं जिला कोषाध्यक्ष जूलियस फूचिक सहित कुछ छात्राओं को गिरफ्तार कर थाना ले गए रात भर थाना में रखें।*एवं अगले दिन 20 जून 2023 को  छात्र और छात्र नेताओं को सरकारी कार्य में बाधा एवं तोड़फोड़ करने के  झूठे आरोप में गैर जमानती धारा लगाकर जेल भेज दिया। 

आज 9 दिन हो गए सभी रांची स्थित बिरसा मुंडा कारावास में है।इसके बाद भी आंदोलन से AIDSO छात्र संगठन पीछे नहीं हटा। एआईडीएसओ ने पूरे झारखंड प्रदेश में इसका विरोध किया तत्पश्चात JAC प्रबंधक को रिजल्ट में सुधार करते हुए जितने भी विद्यार्थी का रिज़ल्ट खराब हुआ था उसको फिर से सुधार कर रिज़ल्ट जारी किया गया। यह छात्र आंदोलन की जीत है। छात्र नेताओं और छात्रों के संघर्ष का परिणाम है कि JAC अध्यक्ष ने आंदोलन के दबाव में परीक्षा परिणाम मे सुधार किया। वे सभी छात्र बधाई के पात्र है जिनका इस आंदोलन में भूमिका रही। साथ ही राज्य सरकार से मांग कि बिरसा मुंडा कारावास में बंद छात्र नेताओं को अविलंब रिहा करें एवं मुकदमा को वापस ले। साथ ही लोकतांत्रिक छात्र आंदोलन में पुलिस हस्तक्षेप पर भी कड़ा विरोध जताया।

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