आदित्यपुर : आज पूरा देश कोरोना महामारी के साथ-साथ गंभीर आर्थिक संकट महंगाई और बेरोजगारी जैसे कृत्रिम महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में घरेलू गैस की कीमतों में 25.50 रुपए की बढ़ोतरी कर दी गई, जो जनता को और भी विषम परिस्थितियों में डाल देने वाला निर्णय है।
पिछले 7 महीनों से घरेलू गैस की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से ₹ 140 से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसे में मध्यवर्ग कमरतोड़ महंगाई की मार से कहरा रही है।
एक और जहां रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के मूल्यों में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है, तो दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल से लेकर सभी क्षेत्रों में बढ़ती महंगाई से मेहनतकश जनता के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
ज्ञात हो कि साल 2014 से ही लगातार केंद्र की भाजपा नीत मोदी सरकार के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में न्यूनतम स्तर पर रहने के बावजूद गैस की कीमतों के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी इजाफा किया। भाजपा की बहुचर्चित उज्वला गैस योजना की स्थिति यह है, कि लोग वापस से अपने पारंपरिक इंधन के स्रोत की ओर लौटते दिख रहे हैं। विकराल महंगाई के चपेट में उज्वला गैस योजना भी एक जुमला साबित हो रही है।
भाजपा के पूंजीपति परस्त नीतियों और जनविरोधी दमनकारी कानूनों के चलते लोगों को कहीं से भी राहत मिलती दिख नहीं रही।
ऐसी स्थिति में सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) सरायकेला-खरसावां जिला की ओर से मोदी की जनविरोधी कदम का पुरजोर विरोध किया जाता है, और निंदा की जा रही है। साथ ही साथ जल्द से जल्द जनता के हित में घरेलू गैस की कीमतों के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने की मांग करती है, अन्यथा संगठन आने वाले समय में जनता को साथ में लेकर निर्णायक आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
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