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क्या रिम्स के निदेशक की नियुक्ति में नियम का पालन हुआ है? मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री मंत्री बन्ना गुप्ता पर लगा आरोप।

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फाइल फोटो विधायक सरयू राय

जमशेदपुर | झारखण्ड 

रिम्स के निदेशक की नियुक्ति में नियम का पालन नहीं हुआ है ऐसा कहना है पूर्वी जमशेदपुर के माननीय विधायक सरयू राय जी का। मंत्री जी अपने पद का मनमाना दुरूपयोग कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में उन्होंने दस्तावेज भी दिखाएँ हैं। 

विधायक सरयू राय ने अपने वक्तव्य में कहा – प्रासंगिक अधिसूचना का उपर्युक्त प्रासंगिक अंश स्वतः स्पष्ट है।  मुख्यमंत्री/ मंत्री को बताना चाहिए कि क्या रिम्स के निदेशक की नियुक्ति में नियम का पालन हुआ है? मैंने तो आरंभ में एक ट्विट कर नवनियुक्त निदेशक को बधाई दी। परंतु बाद में मुझे पता चला कि मंत्री जी द्वारा नियुक्त निदेशक वरीयतम नही हैं। वरीयता में ये दूसरे  क्रम पर हैं।  6 माह में ये अवकाश ग्रहण कर लेंगे।  जो चिकित्सक वरीयतम हैं उनकी सेवा अभी एक वर्ष बाक़ी है. यदि मेरी सूचना सही है तो मंत्री द्वारा नियम विरूद्ध निर्णय क्यों लिया गया।  जवाबदेही तो मुख्यमंत्री की भी होगी। क्या मुख्यमंत्री जी की सरकार में उनके स्वास्थ्य मंत्री नियम क़ानून से उपर हैं?

इस सम्बन्ध में विधायक सरयू राय ने अपने ट्वीट का जिक्र करते हुए आगे कहा,

सुलभ संदर्भ हेतु मेरा प्रासंगिक ट्विट निम्नवत हैः- 

रिम्स के नए निदेशक को बधाई। उम्मीद है वे रिम्स के वरीयतम प्राध्यापक होंगे। तभी @BannaGupta76 ने उन्हें निदेशक बनाया होगा। नियमानुसार रिम्स के वरीयतम प्राध्यापक को ही 6 माह के लिए तदर्थ निदेशक नियुक्त किया जाता है। 6 माह में एम्स की तरह विज्ञापन से स्थायी निदेशक नियुक्त कर दिए जाएँगे। 

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