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कोरोना मरीज का ऑक्सीजन लेबल कम होने पर करें- प्रोनिंग।

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कोरोना पॉजिटिव आने के बाद लोग Home Quarantine या होम आइसोलेशन में 14 या 21 दिन रहते हैं। जिसमें शारीरिक क्षमता के अनुसार कोरोना से निजात मिलता है। इसलिए ऐसे समय में खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 


दोस्तों आज हम बात करने जा रहें हैं भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय mohfw.gov.in द्वारा सांस की तकलीफ को दूर करने के लिए बताये गए उपाय के बारे में।


इस उपाय का नाम है- प्रोनिंग।

जी हां, कोरोना के मरीजों के लिए सांस में हो रही दिक्कतों को प्रोनिंग की मदद से दूर किया जा सकता है।  लेकिन कैसे? आइये जानते हैं।

प्रोनिंग क्या है और इसे कैसे किया जाता है?

प्रोनिंग एक तरह से शारीरिक प्रक्रिया है, जिसे पेट के बल लेटकर किया जाता है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन लेवल लगातार घटता रहता है, इसलिए ऐसे मरीजों को खुले हवादार स्थल पर रखना श्रेष्ठकर होता है। प्रोनिंग के द्वारा मरीज के शरीर में ऑक्सीजन लेवल बनाये रखने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया को करने के लिए गर्दन के नीचे एक तकिया, एक या दो तकिया छाती के नीचे, और दो तकिया पैर के अगले भाग के नीचे रखना होता है।


वैसे होम आइसोलेशन या कोरन्टीन में रह कर इलाज करा रहे कोरोना मरीजों को अपना शारीरिक जांच कराते रहना चाहिए जिसमें नियमित रूप से बुखार जांच और ब्लड प्रेशर की जांच करती रहनी चाहिए। साथ ही ऑक्सीजन लेवल और ब्लड शुगर की भी जांच करनी चाहिए।

इस प्रक्रिया को स्वयं से और बेड पर आराम से लेट कर किया जाता है। इस तरह लेटने से फेफड़ों तक अधिक ऑक्सीजन आसानी से पहुंचती है जिससे सांस लेने में हो रही दिक्कतें दूर होती है। इसमें चार तरह की शारीरिक मुद्राओं के बारे में बताया गया है। बताये गए शारीरिक मुद्राओं में 30 मिनट से ज्यादा नहीं रहना है। जिसे करने के लिए 4-5 तकियों की आवश्यकता होती है।  

प्रोनिंग करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
इस प्रक्रिया को करने से पहले इस बात का ध्यान रखना है कि इसे खाना खाने के कम से कम एक घंटे बाद ही करना है। वहीं फ्रेक्चर, प्रेगनेंसी, कार्डिएक प्रॉब्लम, स्पाइनल प्रॉब्लम से जूझ रहे लोगों को इस प्रकिया से दूर रहना चाहिए।

लेकिन प्रोनिंग की आवश्यकता कब पड़ती है ?


जब मरीज का ऑक्सीजन लेवल (SpO2) घटकर 94 से कम होता है और मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है तब इस प्रक्रिया को किया जाना चाहिए।

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