दोस्तों आज हम बात करने जा रहें हैं भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय mohfw.gov.in द्वारा सांस की तकलीफ को दूर करने के लिए बताये गए उपाय के बारे में।
प्रोनिंग क्या है और इसे कैसे किया जाता है?
प्रोनिंग एक तरह से शारीरिक प्रक्रिया है, जिसे पेट के बल लेटकर किया जाता है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन लेवल लगातार घटता रहता है, इसलिए ऐसे मरीजों को खुले हवादार स्थल पर रखना श्रेष्ठकर होता है। प्रोनिंग के द्वारा मरीज के शरीर में ऑक्सीजन लेवल बनाये रखने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया को करने के लिए गर्दन के नीचे एक तकिया, एक या दो तकिया छाती के नीचे, और दो तकिया पैर के अगले भाग के नीचे रखना होता है।
वैसे होम आइसोलेशन या कोरन्टीन में रह कर इलाज करा रहे कोरोना मरीजों को अपना शारीरिक जांच कराते रहना चाहिए जिसमें नियमित रूप से बुखार जांच और ब्लड प्रेशर की जांच करती रहनी चाहिए। साथ ही ऑक्सीजन लेवल और ब्लड शुगर की भी जांच करनी चाहिए।
लेकिन प्रोनिंग की आवश्यकता कब पड़ती है ?
जब मरीज का ऑक्सीजन लेवल (SpO2) घटकर 94 से कम होता है और मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है तब इस प्रक्रिया को किया जाना चाहिए।
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