टीवी पर प्रसारित सामग्री से संबंधित नागरिकों की शिकायतों के निवारण के लिए वैधानिक व्यवस्था करने का मार्ग प्रशस्त किया गया।
स्व-नियामक निकायों को केंद्र सरकार द्वारा मान्यता दी जाएगी।
नई दिल्ली : केबल नेटवर्क चलाने वाले सभी संस्थाओं/व्यक्तियों को यह जानना अति आवश्यक है कि भारत सरकार ने किन प्रावधानों में संशोधन किया है।
बता दें की केंद्र सरकार ने आज दिनांक 17 जून, 2021 को केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में संशोधन करते हुए एक अधिसूचना जारी की है जिससे केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम, 1995 के प्रावधानों के अनुसार टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री से संबंधित नागरिकों की आपत्तियों/शिकायतों के निवारण के लिए एक वैधानिक व्यवस्था करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
PIB के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है कि “वर्तमान में नियमों के तहत कार्यक्रम/विज्ञापन संहिताओं के उल्लंघन से संबंधित नागरिकों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक अंतर-मंत्रालय समिति के माध्यम से एक संस्थागत व्यवस्था है।
“माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ‘कॉमन कॉज बनाम भारत संघ और अन्य’ के मामले में 2000 की डब्ल्यूपी (सी) संख्या 387 में अपने आदेश में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित शिकायत निवारण की मौजूदा व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए शिकायत निवारण व्यवस्था को औपचारिक रूप प्रदान करने के लिए उचित नियम बनाने की सलाह दी थी।”
“उपर्युक्त पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए केबल टेलीविजन नेटवर्क के नियमों में संशोधन किया गया है, ताकि इस वैधानिक व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त हो सके जो पारदर्शी होगी और जिससे नागरिक लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही प्रसारकों के स्व-नियामक निकायों को केंद्र सरकार में पंजीकृत किया जाएगा।”
आपको बता दें कि वर्तमान में देश मे कुल 900 से भी अधिक टेलीविजन चैनल हैं, जिन्हें सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा अनुमति प्राप्त है। सभी के लिए केबल टेलीविजन नेटवर्क के नियमों के तहत निर्दिष्ट किये गए कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता का पालन करना आवश्यक है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बताया कि यह अधिसूचना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने प्रसारकों और उनके स्व-नियामक निकायों पर जवाबदेही एवं जिम्मेदारी डालते हुए शिकायतों के निवारण के लिए एक मजबूत संस्थागत व्यवस्था करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
The @MIB_India has by amending the Cable Television Network Rules, 1994, developed a statutory mechanism to redress citizens’ grievances & complaints against programmes of TV Channels.
The @MIB_India has also decided to recognize Statutory Bodies of TV channels under CTN Rules. pic.twitter.com/3Uj1ryz8ob
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 17, 2021
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