जमशेदपुर 21 फरवरी, 2024: करीम सिटी कॉलेज के बांग्ला भाषा विभाग के तत्वाधान में अंतर्जातीय मातृभाषा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।
आज ही के दिन उस समय के पूर्वी पाकिस्तान वर्तमान बांग्लादेश में बांग्ला भाषा की प्रतिष्ठा के लिए लड़ाई लड़ी गई। प्रशासन की तरफ से छात्रों पर गोलियां चलाई गईं जिसमें सात छात्रों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी। पृथ्वी के इतिहास में मातृभाषा के प्रति आंदोलन और बलिदान की शायद यह पहली घटना है। यह कोई साधारण घटना नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोगों के लिए एक सबक है। तालाब में बड़ी मछलियां जैसे छोटी मछलियों को निकल जाती हैं वैसे ही दुनिया की बड़ी-बड़ी भाषाएं आज छोटी-छोटी भाषाओं को खत्म कर रही हैं। मगर भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति भी विलुप्त न भी हो तो विकृत जरूर हो रही है। यह बातें आज के अनुष्ठान में विभागाध्यक्ष डॉ बी एन त्रिपाठी ने कहीं।
इस अवसर पर करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज ने भी अपना विचार व्यक्त किया। उन्होंने आज के दिन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मातृभाषा के प्रति सजग रहने के लिए यूनेस्को ने आजके दिन को अंतर्जातीय मातृभाषा दिवस के रूप में पालन करने का ऐलान किया है। अनुष्ठान का संचालन प्रो ओम प्रकाश सिंह देव ने किया। इस मौके पर जया दत्ता, बुलेट महतो तथा हलधर महतो ने कविताएं प्रस्तुत कीं।