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इसे एक बार अच्छी तरह पढ़कर समझ लें कहीं पछताना न पड़े, क्योंकि प्लास्टिक होगा पूरी तरह से बैन। करते हैं इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान! कहीं लग न जाये आपको भारी भरकम जुर्माना। जानें सरकार की नई गाइडलाइन।

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New Delhi : शुक्रवार 13 अगस्त, 2021

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइन – अबतक सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैग के लिए 50 माइक्रोन की दी गई थी इजाजत लेकिन 30 सितंबर, 2021 से प्लास्टिक कैरी बैग की मोटाई 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 75 माइक्रोन कर दी गई है यही नहीं आने वाले 31 दिसंबर, 2022 से यह बढ़कर 120 माइक्रोन तक कर दी गई है।

भारतीय प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक एकल उपयोग (Single Use) वाले प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की दिशा में कार्य करना आरम्भ कर दिया है।

बता दें कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्थलीय एवं जलीय इकोसिस्टम पर बिखरे हुए प्लास्टिक के ढ़ेर सारे कचरे से होने वाले प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को अधिसूचित कर दिया है। यह अधिनियम आने वाले वर्ष 2022 तक एकल उपयोग की प्लास्टिक वस्तुओं को प्रतिबंधित करने में सहायक बनेगा।
जैसा कि आप सभी जानते हैं एकल उपयोग में आनेवाली प्लास्टिक वस्तुओं की वजह से जो प्रदूषण हो रहा है यह विश्व के सभी देशों के लिए विशेष पर्यावरणीय चुनौती बन चुका है। ऐसे में भारत एकल उपयोग में आने वाले प्लास्टिक के कचरे से होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में अग्रसर है। आपको बता दें कि वर्ष 2019 में आयोजित चौथे संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा में, वैश्विक समुदाय के सामने एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों के प्रदूषण से जुड़े बेहद ही ख़ास मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित एवं इस समस्या से तत्काल निपटान की जरूरत को स्वीकार करते हुए भारत ने एक प्रस्ताव पेश किया था और इसे यूएनईए-4 में स्वीकार भी किया गया।

नई गाइडलाइन के तहत 1 जुलाई, 2022 से पॉलीस्टीरीन और विस्तारित पॉलीस्टीरीन समेत निम्नलिखित एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक एवं वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण,  वितरण,  बिक्री और उपयोग को प्रतिबंधित किया जाएगा: –

1. प्लास्टिक की छड़ियों से लैस ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की छड़ियां, आइसक्रीम की छड़ियां, सजावट के लिए पॉलीस्टीरीन [थर्मोकोल]; प्लेट,  कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे जैसी कटलरी, मिठाई के डिब्बों के चारों ओर लपेटी जाने या पैकिंग करने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, स्टिरर।

2. हल्के वजन वाले प्लास्टिक कैरी बैग की वजह से फैलने वाले कचरे को रोकने के लिए 30 सितंबर, 2021 से प्लास्टिक कैरी बैग की मोटाई 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 75 माइक्रोन और 31 दिसंबर, 2022 से 120 माइक्रोन कर दी गई है। मोटाई में इस वृद्धि के कारण प्लास्टिक कैरी का दोबारा उपयोग भी संभव होगा।

3. प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट, जिसे चिन्हित की गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के चरण के तहत कवर नहीं किया गया है, को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुरूप निर्माता, आयातक और ब्रांड मालिक (पीआईबीओ) की विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के जरिए पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ तरीके से एकत्र और प्रबंधित किया जाएगा। विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व के कारगर कार्यान्वयन के लिए विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व से संबंधित दिशानिर्देशों को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 के जरिए कानूनी शक्ति प्रदान की गई है।

4. स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से राज्यों/केन्द्र – शासित प्रदेशों में अपशिष्ट प्रबंधन के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के कार्यान्वयन को मजबूत करने और चिन्हित की गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को कम करने के लिए भी निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं: (i) राज्यों / केन्द्र – शासित प्रदेशों से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक का उन्मूलन करने और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के कारगर कार्यान्वयन के लिए एक विशेष कार्यबल गठित करने का आग्रह किया गया है। मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर भी एक कार्यबल गठित किया गया है, जोकि चिन्हित की गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं का उन्मूलन करने और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के कारगर कार्यान्वयन के लिए समन्वित प्रयास करता है।

5. राज्यों/ केन्द्र – शासित प्रदेशों की सरकारों और संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के उन्मूलन और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के कारगर कार्यान्वयन और इस कार्यान्वयन को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए एक व्यापक कार्य योजना बनाने का अनुरोध किया गया है। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम,1986 की धारा 5 के तहत सभी राज्यों/केन्द्र – शासित प्रदेशों को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (पीडब्लूएम) नियम, 2016 के प्रवर्तन को मजबूत करने के लिए संस्थागत तंत्र स्थापित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

6. सरकार एकल उपयोग वाले प्लास्टिक का उन्मूलन करने और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के कारगर कार्यान्वयन के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए भी कदम उठा रही है। दो महीने की अवधि वाला एकल उपयोग वाले प्लास्टिक से संबंधित जागरूकता अभियान 2021 आयोजित किया गया है। मंत्रालय ने देश में स्कूली छात्रों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए इस विषय पर अखिल भारतीय निबंध लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की है।

7. एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के विकल्प के विकास और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े डिजिटल समाधानों में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों और स्टार्टअप के छात्रों के लिए इंडिया प्लास्टिक चैलेंज – हैकाथॉन 2021 का आयोजन किया गया है।

नई गाइडलाइन की राजपत्र अधिसूचना प्राप्त करने के लिए नीचे दिए लिंक पर जा सकते हैं –

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2021/aug/doc202181311.pdf


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सोर्स – PIB इंडिया से सन्दर्भित।

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