जमशेदपुर: शहर के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने इलेक्ट्रोल बॉन्ड्स पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह फैसला तभी सार्थक होगा जब दानकर्ताओं और राजनीतिक दलों के बीच संबंधों की पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
सुधीर कुमार पप्पू की प्रमुख बातें:
- सुप्रीम कोर्ट का फैसला लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में पहला कदम है।
- यह फैसला तभी सार्थक होगा जब दानकर्ताओं और राजनीतिक दलों के बीच संबंधों की पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
- केंद्र सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यदि ईमानदार हैं और लोकतंत्र में शुचिता को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो उन्हें इस मामले की जांच ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से करवाने का आदेश देना चाहिए।
- लालू यादव परिवार और दिल्ली शराब घोटाले की तरह इस मामले की भी जांच होनी चाहिए।
- यह जांच यह उजागर करेगी कि कितने औद्योगिक घरानों और व्यापारियों का करोड़ों रुपए का ऋण माफ किया गया है और कितने खदान और भूमि का आवंटन किया गया है।
- दानकर्ताओं के नाम और दान का मकसद सार्वजनिक होना चाहिए।
- आम आदमी का भरोसा जीतने के लिए इन सब मामलों की जांच अवश्य होनी चाहिए और दोषियों को जेल जाना चाहिए।
- केंद्र सरकार को इस मकसद के लिए एक एसआईटी का गठन करना चाहिए और राज्य स्तर पर विशेष न्यायालय की स्थापना करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट को देना चाहिए।
- सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग करें।
सुधीर कुमार पप्पू का यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- यह इलेक्ट्रोल बॉन्ड्स पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करता है।
- यह दानकर्ताओं और राजनीतिक दलों के बीच संबंधों की पारदर्शिता की आवश्यकता पर बल देता है।
- यह इस मामले की जांच की मांग करता है और दोषियों को दंडित करने की बात करता है।
यह बयान लोकतंत्र में शुचिता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है.