NIDM : India National Institute of Disaster Management (NIDM), भारत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान भारत में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय आधार पर प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत और बचाव के प्रबंधन हेतु प्रशिक्षण और क्षमता विकास कार्यक्रमों के लिए एक सरकारी संस्था है।
बता दें कि NIDM आपदा प्रबंधन राष्ट्रीय संस्थान ने आपदा जोखिम में कमी को राष्ट्रीय एजेंडा में सबसे आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संस्थान का मानना है कि आपदा जोखिम में कमी सभी हितधारकों को शामिल करते हुए “रोकथाम की संस्कृति” को बढ़ावा देने के माध्यम से ही संभव है। संस्थान केंद्र, राज्य और स्थानीय सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों, भारत और विदेशों में शैक्षणिक, अनुसंधान और तकनीकी संगठनों और अन्य द्वि-पार्श्व और बहु-पार्श्व अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से काम करता है।
विश्व बैंक (GFDRR), वाशिंगटन के साथ साझेदारी करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, आपदा प्रबंधन पर ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की एक श्रृंखला प्रदान करता है।
भारत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) द्वारा प्रशिक्षण और क्षमता विकास को सुविधाजनक बनाने एवं अत्याधुनिक सुविधाएं जैसे- सेमिनार हॉल, क्लास रूम, और वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग जैसी सुविधाएं आदि उपलब्ध कराती हैं। इस संस्थान में विशेष रूप से आपदा प्रबंधन के विषय पर एक बेहतरीन पुस्तकालय है साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण मोड के साथ-साथ इंटरनेट, सैटेलाइट आधारित प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। राज्य सरकारों के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है। जिसमें इन-हाउस और ऑफ-कैंपस, आमने-सामने प्रशिक्षण मुफ्त प्रदान की जाती है, जिसमें मामूली बोर्डिंग और लॉजिंग सुविधाएं शामिल हैं।
इस संस्थान का प्रमुख उद्देश्य आपदा के समय राहत और बचाव के सभी स्तरों पर कार्य करते हुए एक आपदा प्रतिरोधी भारत बनाना है।
NIDM ने एक पैम्फलेट प्रकाशित करते हुए इसकी जानकारी दी है, जिसमें संस्था की प्रबंधन संरचना, दृष्टि, मिशन, कार्यों और एनआईडीएम की विभिन्न अन्य गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल है। साथ ही इसमें प्रकाशन शीर्षक, लेखक, प्रकाशन का वर्ष, संक्षिप्त सारांश आदि भी उल्लिखित है।
इसमें विभिन्न आपदाओं और उनके प्रबंधन पर जानकारी और जागरूकता उत्पन्न करने के लिए भी बताया गया है। आग, भूकंप और बाढ़ जैसी विपदाओं के लिए क्या करें और क्या न करें, को कवर किया गया है। हीट वेव/ गर्म हवाएं / शीत लहर के समय आदि से सुरक्षा के लिए क्या करें और क्या न करें यह भी दर्शाया गया है।बाढ़ अत्यधिक जल जमाव से बचाव के उपाय। भूकंप से सुरक्षा के लिए तीन तरह से सुरक्षा उपाय बताया गया है। साथ ही भूकंप के पहले, उसके दौरान और बाद में क्या करें और क्या न करें। यह भी बताया गया है।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य आपदा जोखिम प्रबंधन के विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता और तैयारी के स्तर को बढ़ाने के लिए बनाया गया है।
यह ऑनलाइन पाठ्यक्रम भारत में अपनी तरह का पहला पाठ्यक्रम है। यह पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को अपने विचारों और सूचनाओं को विश्व स्तर पर साझा करने की सुविधा भी प्रदान करता हैं।
यह पाठ्यक्रम पेशेवर मार्गदर्शन के साथ आपदा जोखिम न्यूनीकरण के बारे में जानने के लिए उत्कृष्ट अवसर भी देती है। इस प्रशिक्षण में चर्चा, प्रश्न, स्पष्टीकरण, असाइनमेंट के उपरांत पाठ्यक्रम के अंत की परियोजनाएं शामिल हैं जिनका मूल्यांकन किया जाता है। सफल उम्मीदवारों को एनआईडीएम और विश्व बैंक (जीएफडीआरआर) द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर जा सकते हैं।
NIDM ई-लर्निंग कोर्स में क्यों शामिल होना चाहिए?
यह प्रशिक्षण के लिए फ्लेक्सी टाइम देता है और 24 x 7 सीखा जा सकता है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन, इंटरएक्टिव और सुविधाजनक है। साथ ही यह पाठ्यक्रम आम लोगों और आपदा प्रबंधन चिकित्सकों की दक्षताओं का निर्माण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आपदा प्रबंधन से सम्बंधित ज्ञान और योग्यता बढ़ाने में सहायक है। शारीरिक परीक्षा प्रणाली से मुक्त है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) का गठन संसद के एक अधिनियम के तहत भारत में क्षमता विकास के लिए एक प्रमुख संस्थान की भूमिका निभाने के लिए किया गया था। वर्ष 1995 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन केंद्र (एनसीडीएम) के गठन के साथ शुरू हुआ। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत, एनआईडीएम को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अनुसंधान, प्रलेखन और नीति वकालत के लिए नोडल जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
संदर्भ : राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM)
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