आदित्यपुर : आज दिनांक 23 मार्च को लोक सांस्कृतिक मंच आदित्यपुर शाखा के ओर से शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु का 91 वां शहादत दिवस आदित्यपुर-2 स्थित मार्ग संख्या 16 – 17 के पार्क में पूर्ण आदर और मर्यादा के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आयकर अधिकारी संतोष कुमार चौबे उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता बैकुंठ चौधरी ने की। मंच पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर श्रीमती अंजना भारती और वार्ड 32 की पार्षद आदरणीया मालती देवी भी उपस्थित थी।
कार्यक्रम में भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु के तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संतोष कुमार चौबे ने भगत सिंह पर अपनी बातों को रखा। उन्होंने भगत सिंह के जीवन से सिख लेने की सबको बात कही और जात पात व धर्म से ऊपर उठकर समाज, मानवता और देश के जीवन समर्पित करने के लिए उपस्थित जनसमूह से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आंदोलन हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और इंसानियत के खिलाफ किसी भी कदम का विरोध जायज है, करना चाहिए। कार्यक्रम को श्री बैकुंठ चौधरी और मालती देवी ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में भगत सिंह के जीवन वृत्तांत पर विशिष्ट अतिथि सह मुख्य वक्ता अंजना भारती ने कहा कि आजादी आंदोलन के गैरसमझौतावादी विचारधारा के ज्वलंत प्रतीक थे ।
भगत सिंह और उनके साथियों ने आज़ाद भारत में एक सपना ऐसा देखा था, जहां मनुष्य के द्वारा मनुष्य का शोषण नहीं होगा, जहां मनुष्य की पहचान धर्म व जाति से न होकर इंसान के रूप में होगी। एक भी व्यक्ति रोटी, कपड़ा, मकान से वंचित ना रहेगा । परंतु अफसोस की बात है आजादी के इतने सालों बाद भी ऐसा कुछ नहीं हुआ, आज भी भगत सिंह का सपना अधूरा है।
आज भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारियों को भुलाने की साजिश चल रही है। ऐसी स्थिति में आज हमें जरूरत है भगत सिंह के विचार व जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेकर ऐतिहासिक उत्तरदायित्व को निभाने का, भगत सिंह के सपनों को साकार करने का है।
कार्यक्रम में गीत भी गाए गए जिसे श्रीमती दुर्गावती मिश्रा अंबिका कुमारी एवं रामेश्वरी पुरी ने बखूबी गाया।
इस सभा के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा विभिन्न प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया।
कार्यक्रम का संचालन विशाल बर्मन ने तथा धन्यवाद ज्ञापन विष्णु देव गिरि ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रुप से वार्ड 32 पार्षद मालती देवी, मौसमी मित्रा, अमन सिंह, दुर्गावती देवी, संतोष सिंह , अवधेश सिंह, अमन सिंह, राजू , देवा मुखी सावित्री आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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