झारखंड

आज अन्तराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न राज्य के मातृ भाषा के लोगों के द्वारा जो यहाँ वर्षों से निवास करते हैं उनके द्वारा वर्षों से उठाई जा रही उनके हक एवं अधिकार को लेकर आज तक की गई मांगो को लेकर पांच सूत्री मांग पत्र

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जमशेदपुर  |  झारखण्ड  

झारखण्ड राज्य में आने वाले वह सभी जिले जो कि पहले बंगाल राज्यों के हिस्सा थी कटकर पहले बिहार राज्य में बाद में राज्य झारखण्ड राज्य के गठन के बाद झारखण्ड राज्य के हिस्सा में आया उस जिले के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले सभी क्षेत्रों के हरि मंदिर, शिवालय, काली मंदिर, दुर्गा मंदिर समेत उस समय के बंगला भाषा भाषी लोगों का द्वारा निर्मित जो भी धरोहर है उन्हें चिन्हित कर उसका सौंदर्यकरण कराया जाय।

बंगाल राज्य से कटकर बिहार से होते हुए झारखण्ड राज्य के हिस्सा बनने वाले उस जिले के जितने रेलवे स्टेशन है, स्वास्थ्य केन्द्र है और सरकारी कार्यालय है जिसका नाम हिन्दी एवं अंग्रेजी एवं बंगला भाषा में लिखी हुई थी उसे मिटाकर विगत कुछ वर्षों पहले अन्य सभी भाषा में तो पुनराम्य लिखी गई है लेकिन किसी साजिस के तहत बंगाला भाषा में नहीं लिखी गई है। इसकी जल्द से जल्द जांच कराते हुए पुनराय लिखी हुई सभी भाषाओं के साथ बंगला भाषा में भी लिखी जाए। चाण्डिल चौक में पूर्व से स्थापित खुदीराम बोस के प्रतिमा जो कि सड़क चौड़ीकरण के समय यह कहते हुए वहाँ से हटा दिया गया था कि सड़क चौड़ीकरण के बाद उसी जगह पुनः स्थापित की जाएगी। लेकिन उस क्षेत्र के प्रशासनिक पदाधिकारी के उदासीन रवैया के कारण नहीं लगाई गई है। इसकी उचित जांच कराते हुए उनका एक आदमकद प्रतिमा वहाँ लगाई जाए।

राज्य के जितने भी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूल है उस सभी स्कूल में नर्सरी क्लास में भर्ती के समय जो भी फार्म एवं फारमेट निकाले उसमें सभी विषय के साथ अपनी अपनी मातृ भाषा की ग्रहण करने का एक कलम रखी जाए ताकि उस कलम में जो भी बच्चा को उनके परिवार द्वारा अपना मत भाषा के अक्षर एवं शब्द का ज्ञान बोध कराना चाहते है वह करवा सके साथ ही उस स्कूल के लिए टिचर के बहाली के समय सभी भाषाओं के अपनी अपनी मातृ भाषा के ज्ञान रखन वाले एक एक टिचर बहाली करवाने की व्यवस्था की जाए।

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