दोस्तों भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ती ही जा रही हैं। जिससे आम लोगों के जीवन पर काफी असर पड़ रहा हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं बढ़ती कीमतों का कारण क्या है ?
पेट्रोल-डीजल के महंगे होने का सबसे बड़ा कारण टैक्स है। भारत में केंद्र और राज्य सरकारें दो तरह से टैक्स वसूलती है, केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क के रूप में और राज्य सरकार वैट के रूप में ।
आपको बता दें कि केंद्र व राज्य सरकारों के टैक्स की दरें इतनी अधिक है कि लगभग 35 रुपये का पेट्रोल भारत के राज्यों में 90 रुपये से लेकर 100 रुपए प्रति लीटर तक बिक रहा है। राज्य सरकारों के अलग टैक्स कानून होने की वजह से अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी अलग होती है। केवल नई दिल्ली की बात करें तो वहां पेट्रोल 91 रुपये प्रति लीटर के आसपास बिक रहा है।
आपको बता दें कि यदि जीएसटी की उच्च दर लगा कर पेट्रोल-डीजल को बेचा जाए तो भी कीमतें वर्तमान समय की दरों से घटकर आधी हो जाएंगी।
जैसा कि आपको मालूम है भारत में चार प्रमुख जीएसटी दरें – 5 फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद हैं।
यदि इन जीएसटी दरों के हिसाब से पेट्रोल की दरें तय की जाए तब भी इनकी कीमतें वर्तमान समय की दरों के मुकाबले आधी हो जाएगी।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को तैयार हैं लेकिन राज्य सरकारें इस दायरे में नहीं आना चाहती।
1 जुलाई, 2017 को जीएसटी पूरे देश में लागू किया गया था। राज्यों की निर्भरता अधिक होने के कारण पेट्रोल और डीजल को इससे बाहर रख दिया गया था। यदि पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी में शामिल किया जाता तो देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमत एक समान होती। जो कि वर्तमान दर के मुकाबले काफी कम लगभग आधी होती।