जमशेदपुर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर ने मंगलवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देना है।
समझौते की मुख्य विशेषताएं:
- एनआईटी जमशेदपुर के छात्रों को आईआईटी पटना में एक सेमेस्टर के लिए अध्ययन करने और वहां डॉक्टरेट कार्यक्रम शुरू करने का अवसर मिलेगा।
- एनआईटी जमशेदपुर के संकाय सदस्य अब आईआईटी पटना में अनुसंधान कार्य के लिए समय बिता सकते हैं।
- दोनों संस्थान संयुक्त रूप से सेमिनार, कार्यशालाओं और सम्मेलनों का आयोजन करेंगे।
- संकाय और छात्रों के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाएगा।
एनआईटी जमशेदपुर के लिए लाभ:
यह समझौता एनआईटी जमशेदपुर के छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए कई लाभ प्रदान करेगा। छात्रों को आईआईटी पटना जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में अध्ययन करने और अनुसंधान करने का अवसर मिलेगा। संकाय सदस्य अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाने और अन्य विशेषज्ञों के साथ सहयोग करने के लिए आईआईटी पटना के संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे।
कुल विकास और सुधार कार्यक्रमों पर चर्चा:
आईआईटी पटना के निदेशक प्रोफेसर तिलोक नाथ सिंह, जो एनआईटी जमशेदपुर के एक प्रतिष्ठित पूर्व छात्र भी हैं, को अनुसंधान और विकास में उनके मार्गदर्शन के लिए एनआईटी जमशेदपुर आमंत्रित किया गया था। प्रोफेसर सिंह ने मंगलवार को विभागों के प्रमुखों और डीनों के साथ एक बैठक में भाग लिया। इस बैठक के दौरान, संस्थान के डीनों ने एनआईटी जमशेदपुर के कुल विकास और सुधार कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया। विभागों के प्रमुखों ने वर्तमान गतिविधियों और योजनाओं का भी अवलोकन दिया। प्रोफेसर सिंह ने संस्थान को और अधिक बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए।
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यह समझौता एनआईटी जमशेदपुर और आईआईटी पटना दोनों के लिए फायदेमंद होगा। यह दोनों संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा और शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करेगा।