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असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा के खिलाफ हेट स्पीच का परिवाद दर्ज, बाबर खान पहुंचे न्यायालय

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जमशेदपुर। असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हेमंत विश्व शर्मा के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के आरोप में स्थानीय अदालत में एक परिवाद दर्ज किया गया है। यह परिवाद एआइएमआइएम के नेता और जमशेदपुर पश्चिम से प्रत्याशी बाबर खान की ओर से दाखिल किया गया, जिसमें उनके वकील वरीय अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने न्यायालय से आजाद नगर पुलिस को कार्रवाई का आदेश देने का आग्रह किया।

बाबर खान, जिनका पूरा नाम ताहिर हुसैन उर्फ बाबर खान है, ने कहा कि 25 अक्टूबर को दैनिक जागरण में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, असम के मुख्यमंत्री ने 24 अक्टूबर को साकची बोधि टेंपल मैदान में अपने भाषण के दौरान कहा था कि “देश के हर कोने में जहां बाबर बसे हैं, उन्हें ढूंढ-ढूंढ कर लात मार कर देश से भगाया जाएगा।” उन्होंने झारखंड सरकार पर बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कोई कदम न उठाने का भी आरोप लगाया और कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो वह घुसपैठियों को राज्य से निकालने का कार्य करेगी।

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बाबर खान का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने इस भाषण के माध्यम से मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया और सांप्रदायिक माहौल को भड़काने का प्रयास किया। बाबर खान ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में पहले आजाद नगर थाना में लिखित शिकायत दी थी, लेकिन जब वहां से कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने न्यायालय का सहारा लिया।

इस मामले में बाबर खान के साथ उनके वकील अधिवक्ता जाहिद इकबाल, अधिवक्ता कुलविंदर सिंह, अधिवक्ता कुलसुम नाज और वरीय अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू अदालत में मौजूद थे। उन्होंने अदालत से मांग की है कि मुख्यमंत्री शर्मा के इस बयान को हेट स्पीच मानते हुए उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए। बाबर खान का कहना है कि इस तरह के बयान समाज में अस्थिरता और घृणा का वातावरण फैलाते हैं, और इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

इस घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और असम के मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर काफी विवाद भी शुरू हो गया है। अदालत के आगामी फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह मामला सांप्रदायिक सौहार्द और धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है।

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