झारखंड

अल्पसंख्यक आयोग में बंग भाषियों के एक भी प्रतिनिधि को स्थान न मिलने से बंग समाज के लोग आक्रोशित

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जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

झारखंड सरकार द्वार हालिया गठित अल्पसंख्यक आयोग में बंग भाषियों के एक भी प्रतिनिधि को स्थान न मिलने से समाज के लोग काफी आक्रोशित हैं. आज बंग बंधु संस्था के पदाधिकारियों ने साकची में विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार को चेतावनी दी. संस्था के केन्द्रीय उपाध्यक्ष अपर्णा गुहा के नेतृत्व में लोग वहां पहुंचे तथा आयोग में समाज के लोगों को स्थान देने सहित अन्य मांग की. इस क्रम में उन्होंने सिर पर काली पट्टी बांधकर मशाल जलाया तथा अपनी मांगें बुलंद की.

मौके पर अपर्णा गुहा और सामंत कुमार ने कहा कि इसके पूर्व प्रत्येक बार आयोग में समाज का प्रतिनिधित्व मिलता रहा है. लेकिन इसबार गठित आयोग में एक भी व्यक्ति को आयोग में नहीं रखा गया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में  बंग समाज न स्कूल संचालित हो रह है न पुस्तक दिये जा रहे हैं. शिक्षकों की भी घोर कमी है. एक तरह से समाज से बंगभाषियों को अलग करने की साजिश रची जा रही है. अगर सरकार का यही रवैया रहा तो आगामी चुनाव में इसका जवाब जरुर मिलेगा.

मौके पर सामंतो दा ने आरोप लगाया कि राज्य में बंग भाषा भाषियों की संख्या 42 प्रतिशत है और अल्पसंख्यक आयोग के गठन में समाज के लोगों को जगह नहीं दिया जाना खेदजनक है. यह राज्य सरकार की उदासीनता दर्शाता है. 

विरोध प्रदर्शन अपर्णा गुहा, सामंतो कुमार, बिनोद डे, नान्टू सरकार, सुब्रतो चौधरी, राजेश राय, पंपा मुखर्जी, जुड़ान मुखर्जी,  संजय राय, विप्लव कर, अनंतो कुंडू, प्रणव सरकार, सुभाष सिंघराज, रंजन भौमिक, सोमनाथ घोष, असीत, प्रोसेनजीत सरकार सहित कई लोग मौजूद थे.

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