Jamshedpur : शुक्रवार 01 जुलाई, 2022
बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी एवं कैप्टन वीर अब्दुल हमीद साहब की जयंती समारोह मोमिन अंसार सभा कार्यालय एमएस आईटीआई जमशेदपुर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी एवं प्रदेश अध्यक्ष खालिद इकबाल ने अपने भाषण की शुरुआत एक शेर के साथ की, जिसमें उन्होंने कहा –
“मैं तुम्हें अपने उसूलों की कसम देता हूं। मुझको मजहब के तराजू में न तोला जाय। मैंने इंसान ही रहने की कसम खाता है। मुझको हिन्दू या मुसलमान न समझा जाए।”
उन्होंने आगे कहा कि हमारी सोच है दलित- पिछड़ा एक समान हो। चाहे हो हिन्दू या मुसलमान।
आगे उन्होंने बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी एवं कैप्टन वीर अब्दुल हमीद साहब की जयंती पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी साहब अपने पुरे जीवन देश की सेवा करने एवं समाज में हाशिए पर खड़े पिछड़ों को मुख्य धारा में लाने के लिए संघर्षरत रहे। इस प्रकार पिछड़े समाज से आने वाले कैप्टन वीर अब्दुल हमीद साहब अपनी जीवन की बाजी लगाकर दुश्मन देश के टैंकों को भेदने का काम किया। आज के युवाओं को इस वीर सपूत के नक्शे कदम पर चलने का भी आह्वान किया।
इस जयंती सभा के आमिर फिरदौसी साहब ने बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी साहब की जीवनगाथा पर प्रकाश डाला एवं पिछड़े समाज गरीब संसाधन से महरूम लोगों के लिए किस तरह लड़ाई लड़ी इन्होंने बताया। साथ ही कैप्टन वीर अब्दुल हमीद साहब अपने जीवन को दांव पर लगाकर दुश्मन देश के टैंकों को उड़ानें का काम किया एवं देश को दुश्मन से रक्षा की।
मोहम्मद नदीम ने बताया कि कैसे एक कपड़ा बुनने वाले के घर जन्म लेने वाला बच्चा बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी आगे चलकर समाज के पिछड़ापन को दुर करने के लिए संघर्ष करता है तो दूसरी ओर कपड़ा सीने वाले के घर पैदा हुआ बच्चा कैप्टन वीर अब्दुल हमीद देश के सरहद पर दुश्मन देश से लड़ कर अपने वतन की रक्षा करता है। समाज के प्रति इनकी विचारों पर चलने कि आह्वान किये।
इस जयंती समारोह में डॉक्टर जाहिद तहसीन ने कहा कि पसमांदा मुस्लिम की पसमंदगी का कारण धार्मिक पाखण्ड है। शोषितों, वंचितों, दलितों, पिछड़ों एवं पसमांदा के समस्त हितों की हिमायत करने तथा सामाजिक सद्भाव एवं वैज्ञानिक सोच रखने की जरूरत है तभी हमारी उत्थान होगी। यह संयोग ही है कि एक महापुरुष बाबा ए कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी पसमांदा समाज के उत्थान के लिए कार्य करता है तो दूसरा महापुरुष कैप्टन वीर अब्दुल हमीद देश की सरहद पर सेवा करता है एवं दोनों का जन्म जुलाई माह के प्रथम दिन होती है।
ऐसे महापुरुष को हम हृदय से नमन करते हैं। सभा का समापन समाजसेवी प्रदेश अध्यक्ष जनाब खालिद इकबाल यह कहते हुए किया कि भारत देश बचाने, बनाने, एवं संवारने में सभी समुदायों का योगदान रहा है एवं हमें कोशिश करनी है कि संप्रदायवाद से ऊपर उठकर देश को आगे बढ़ाने में बढ़ चढ़ कर मदद करनी होगी। क्रियाक्रम में मौजुद फैयाज अहमद, मोहम्मद कैफ, सैफ अंसारी, तौफिक अनारी ने संबोधित किया।