अद्भुत न्याय : शनिवार 21 अक्टूबर, 2022
द्वितीय विश्वयुद्ध की वीर नारी मुना देवी के पति सिपाही चंद्रिका प्रसाद आजादी से पूर्व सेना में कार्यरत थे। 1946 में आजादी के पूर्व सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे। 2010 में उनका निधन हो गया था। परंतु उनकी पत्नी मुना देवी को जिला सैनिक बोर्ड आरा जिला से पेंशन नहीं मिल रहा था। इसकी जानकारी मिलने पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के वरिष्ठ सदस्य सुशील कुमार सिंह उन दिनों जिला सैनिक बोर्ड चाईबासा में कार्यरत कमांडर बी बी मिश्रा से मिलवाया और मार्गदर्शन के अनुसार मुना देवी को एन ओ सी लेकर चाईबासा आने की सलाह दी गई।
वर्ष 2018 में मुना देवी अपना एन ओ सी लेकर चाईबासा आई और इनका आर्थिक सहयोग दिलाने का प्रयास शुरू हुआ परंतु यह केश बिहार सरकार के अंतर्गत आने की वजह से लाख प्रयास के बावजूद झारखंड से इनका आर्थिक सहयोग शुरू नहीं हुआ। फिर इन्हें एन ओ सी दिला कर आरा जिला भेज दिया गया और विभिन्न स्तर पर निरन्तर एवं अथक प्रयास के बाद आज धनतेरस के अवसर पर इन्हें 10000 आर्थिक सहयोग के रूप में पेंशन मिलने की खबर प्राप्त हुई। बुजुर्ग वीर नारी के जीवन में इससे बढ़कर खुशी कुछ नहीं हो सकती। जो विगत दिनों एक एक पाई के लिए मोहताज थीं। इन्हें करोना काल में भी संगठन के द्वारा ड्राई राशन एवं आर्थिक सहयोग समय-समय पर दिया जा रहा था।
इस सहयोग को दिलाने पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम के पदाधिकारियों के साथ साथ ब्रिगेडियर रणविजय सिंह एयर कमोडोर अधिकारी ब्रिगेडियर वी जी पाठक कर्नल प्रभात कुमार प्रसाद जिला सैनिक बोर्ड चाईबासा, जिला सैनिक बोर्ड आरा, राज्य निदेशालय रांची एवं पटना का अतुल्यनीय सहयोग प्राप्त हुआ। जिसके फलस्वरूप 12 साल बाद यह सहयोग मुना देवी को प्राप्त हुआ। इस कार्य में उनके बेटे राजेंद्र प्रसाद का भी सक्रिय रोल रहा जो अपने बुजुर्ग माता जी को हर बताए हुए लोगों से मिलवाने में सफल रहे। इस खबर को सुनते ही पूर्व सैनिकों में खुशी की लहर दौड़ गई। कुछ महीने पहले संगठन ने अपने मीटिंग में वीर नारी मुना देवी का सारा खर्च स्वयं उठाने का संकल्प ले लिया था। मगर ईश्वर की कृपा से आज धनतेरस के अवसर पर इस बुजुर्ग 80 वर्षीय माता जी को बहुत बड़ी सौगात मिली। इस तरह के लाचार एवं अनजान पूर्व सैनिक एवं विधवाओं का सहयोग करना है अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम की प्राथमिकता है।