जमशेदपुर | झारखण्ड
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, राष्ट्र के लिये सदैव समर्पित एवं राष्ट प्रथम के घोष वाक्य को चरितार्थ करने के लिये पूरे वर्ष कई कार्यक्रम करती है।
भारत के सैन्य इतिहास में कारगिल युद्ध का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। दुर्गम चोटियों में भारतीय सेना ने लड़ते हुए 27 जुलाई 1999 को विजय तिरंगा फ़हराया था। उस स्थान को देखने के लिए हर गौरव सेनानी (आर्मी नेव्ही एवं एयर फोर्स) का मन रहता ह।अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर के प्रतिनिधिगण द्रास पहुंच वीर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।कारगिल द्रास यात्रा का आयोजन सन् 2011 से प्रारंभ हुआ था। इस वर्ष सेना के सहयोग से कारगिल द्रास यात्रा 2023, आयोजित किया गया। जिसमें पूरे देश से करीब50 सैनिक शामिल हुए।श्रीनगर कोर कमांड एवं लेह कोर कमांड के सीनियर अधिकारियों एवं समर्पित जवानों के सहयोग से कारगिल द्रास यात्रा को सुरक्षित सुखद एवं ऐतिहासिक बनाने में अतुल्य सहयोग है।यह यात्रा अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु कांत चतुर्वेदी,राष्ट्रीय महामंत्री ब्रिगेडियर डी एस त्रिपाठी के नेतृत्व में हो रहा है।झारखण्ड प्रदेश के जमशेदपुर जिले से वरिष्ठ सदस्य भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त एसके सिंह एवं भारतीय नौसेना से सेवनिर्वित बॉक्सर अमरनाथ डोके के साथ-साथ सैन्य मातृशक्ति से उर्मिला सिंह एवं अनुराधा डोके शामिल हुए वही बोकारो जिले से नौसेना से सेवानिर्वित जितेंद्र पांडे और शशिकांत सिंह मौजूद रहे।
सर्वप्रथम श्रीनगर के बदामी बाग में शहीद स्मारक पर सभी मौजूद सैनिक साथियों एवं सैन्य अधिकारियों ने पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद सैन्य म्यूजियम में अपने वीर योद्धाओं और स्वतंत्र भारतवर्ष की विभिन्न युद्धों के विवरणों, व्याख्यानों एवं युद्ध में प्रयुक्त विभिन्न अस्त्र – शस्त्रों की जानकारी प्राप्त किए। इस यात्रा के दौरान द्रास के वार मैमोरियल में कारगिल के वीर सेनानियों को पुष्प श्रद्धांजली , और 559 बलिदानी सेनानियों की समाधि पर नमन और आर्मी अफसरों द्वारा ब्रीफिंग मुख्य आकर्षण रहा।उसके उपरान्त सभी सदस्यों ने अपने वीर योद्धाओं को नमन कर अपनी पुष्प श्रद्धांजलि अर्पित की एवं अमर शहीदों के सम्मान में दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि अर्पित किया। वहीं सभागारों में वीडियो प्रस्तुति एवं व्याख्यानों के दौरान पूरा वातावरण भारत माता की जय, वंदे मातरम, कारगिल के वीर शहीद अमर रहें, भारतीय सेना जिंदाबाद आदि नारों से गूंजता रहा।
यात्रा का अगला पड़ाव था कारगिल मे आर्मी अधिकारियों द्वारा आयोजित श्रद्धांजली समारोह कारगिल युद्ध स्मारक पर और कारगिल युद्ध के बारे वार रूम से विस्तार में जानकारी।