सुखासन |
इस आसन को सरलता के साथ किया जा सकता है तथा इस आसन के साथ अधिक समय तक बैठा जा सकता है और लंबे समय तक बैठने पर भी शरीर में किसी प्रकार का दर्द महसूस नहीं होता, इसलिए इस आसन को सुखासन या सरलासन कहते हैं।
इस आसन को आसानी से कहीं भी किया जा सकता है। इसे करने के लिए सबसे पहले आराम से पालथी मारकर बैठ जाइये। अब दाएं पैर के पंजे को बाएं जांघ के नीचे रखें। रीढ़ की हड्डी (पीठ), कमर और गर्दन सीधी हो। मूलबन्ध लगे हो। आंख बंद कर ध्यान मुद्रा में हो जाये। हाथ सामने की ओर सीधी करते हुए हाथ की हथेलियों को ध्यानमुद्रा में लेकर घुटनों पर टेका कर रखें।
लाभ – इस आसन को करने से शरीर को मजबूती मिलती है और ध्यान केंद्रित होता है। विद्यार्थियों के लिए यह आसन बहुत ही लाभदायक होता है। इस आसन को सभी उम्र के लोग कर सकते हैं। सभी आसनों की तरह यह भी शरीर से आलसपन दूर करके कार्य करने की इच्छा शक्ति को बढ़ाता है।
पढ़ें खास खबर–
मध्यप्रदेश में मिला हीरे का सबसे बड़ा भंडार।
आम इंसान अब जाएंगे अंतरिक्ष की सैर में।
आपके कार्यस्थल पर ही दी जाएगी कोरोना की वैक्सीन।
यूपी का डॉन मुख्तार अंसारी पहुँचा जेल।