चक्रधरपुर: मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान ने देश के सभी विपक्षी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि देश के कई राज्यों में अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर मुस्लिम समुदाय को लोकसभा चुनाव के बाद लगातार निशाना बनाकर हमला किया जा रहा है, जो चिंता का विषय है।
- कई जगहों पर मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं।
- कई स्थानों पर अवैध रूप से बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की गई है।
- छत्तीसगढ़ के रायपुर में भीड़ द्वारा तीन मुसलमानों की हत्या
- गुजरात के चिखोदरा में सलमान वोहरा की मॉब लिंचिंग
- छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में ईसाई धर्म अपनाने पर आदिवासी की हत्या
- कोलकाता में इरशाद की हत्या हो, तेलंगाना के मेडक में कट्टरपंथी भीड़ द्वारा मदरसे और अस्पताल पर हमला कर लोगों को घायल कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाना
- ओडिशा के बालेश्वर में कट्टरपंथी भीड़ द्वारा मुसलमानों के घर में घुसकर मारपीट
- राजस्थान के जोधपुर सूरसागर इलाके में मुसलमानों के घर और दुकानों में लूटपाट और आगजनी
- हिमाचल प्रदेश में कपड़ा व्यापारी जावेद की दुकान में लूटपाट
- नाहन से 16 मुस्लिम परिवारों का पलायन
- मध्य प्रदेश के मंडला में बुलडोजर से मकान ढहाना
- मध्य प्रदेश के रतलाम के जावरा कस्बे में बुलडोजर से मुसलमान लड़कों के घर ढहाना
- यूपी के लखनऊ में मुस्लिम इलाकों में 50 साल पुरानी बस्ती ढहाना हो, जिसमें 1800 घर और 100 दुकानें तबाह हो गईं, 4 धार्मिक स्थल ढहाए गए।
- झारखंड के कोडरमा में कट्टरपंथी भीड़ ने मस्जिद के इमाम मोहम्मद शहाबुद्दीन पर हमला कर उनकी हत्या
और ऐसी कई बड़ी घटनाएं अब तक हो चुकी हैं।
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ये सभी घटनाएं लोकसभा चुनाव के बाद हुई हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान ने कहा कि देश के राजनीतिक दलों खासकर विपक्ष की भूमिका सरकार से अपनी भूमिका निर्धारित करवाने की है।
विपक्षी नेताओं के तौर पर राहुल गांधी, अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री माननीय हेमंत सोरेन, बंगाल की मुख्यमंत्री माननीय ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री माननीय एम के स्टालिन, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, तेजस्वी यादव को पत्र लिखा गया है। साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, दिल्ली से भी संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है।
रिपोर्ट: जय कुमार