मकदमपुर, मुन्सी मोहल्ला, परसुडीह स्थित माँ भगवती काली मंदिर में स्थित माँ भगवती काली माता रानी |
Jamshedpur : रविवार 29 जनवरी, 2023
जहां विज्ञान भी फेल हो जाता है, वहां से आरम्भ होता है ईश्वरीय शक्ति। इसे चमत्कार कहिये या कुछ और। आपके शहर में स्थित है नौ देवी माता का प्राचीन मंदिर। आश्चर्य इस बात का है की इस जागृत मंदिर को कोई देखने और इसका जीर्णोद्धार करने वाला नहीं।
बात कर रहे हैं एक ऐसे मंदिर की जो देश की आजादी के भी पहले से स्थित है। यह प्राचीन जागृत मंदिर जमशेदपुर शहर से सटे क्षेत्र परसुडीह में स्थित है। टाटानगर रेलवे स्टेशन से आगे गोलपहाड़ी माता के मंदिर से महज 1.5 km की दुरी पर माँ भगवती काली, माता रानी का मंदिर है। यह लगभग 85 साल पुराना एक चमत्कारी जागृत मंदिर है जो मकदमपुर, मुन्सी मोहल्ला, परसुडीह में स्थित है।
मकदमपुर, मुन्सी मोहल्ला, परसुडीह स्थित माँ भगवती काली मंदिर में स्थित माँ भगवती की नौ देवियों का पिंडी दर्शन |
(एक वर्ष में 4 नवरात्री आते है। इनमें से दो हम जानते है। एक चैती नवरात्री, एक आशिन पक्ष की नवरात्री और दो हैं – कुवार नवरात्री और माघ नवरात्री, ये दोनों गुप्त नवरात्री होते है।)
इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन चारो नवरात्री के दिनों में पूरे 9 दिन मंदिर की घंटी अपने आप हिलती रहती है और बाकि दिनों में यह घंटी स्थिर रहती है। आपको बता दें की इस दृश्य को हमारी (THE NEWS FRAME) टीम ने भी कवरेज के दौरान सही पाया और इसे पूरी ज़िम्मेदारी के साथ लिख रहे है।
मकदमपुर, मुन्सी मोहल्ला, परसुडीह स्थित माँ भगवती काली मंदिर में स्थित घंटी |
इस मंदिर की आधारशिला विंध्याचल के पुरोहित द्वारा सन 1937 में रखी गयी थी। मंदिर से कुछ दुरी पर रहनी वाली साजसेवी सनातनी हिन्दू वाहिनी रितिका श्रीवास्तव ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण उनके दादा जी के द्वारा करवाया गया था। जिन्होंने सन 1937 में विंध्याचल, उत्तर प्रदेश से पुरहित को बुलवा कर, विधि विधान पूर्वक, प्राण-प्रतिष्ठा करके देवी के नौ रूपों को पिंडी रूप में तथा भैरव बाबा और माँ काली की स्थापना की थी।
आपको बता दें की वर्तमान में मंदिर की स्थिति बहुत जर्जर हो चुकी है, मंदिर के दीवार पर लगे पलस्तर गिर रहे है। जब इस मंदिर का निर्माण हुआ था तब ज़मीन से काफी ऊपर था। लेकिन, वक़्त के साथ-साथ आसपास के रोड और नाली के बनने से ज़मीन ऊपर हो गईं और मंदिर नीचे। मन्दिर के ठीक पीछे एक बड़ा सा नाला गुजरता है, जहां बारिश के दिनों में नाला भरने से, नाला का गन्दा पानी मंदिर के प्रांगण में घुस जाता है और गर्भगृह में भी आ जाता है।
मकदमपुर, मुन्सी मोहल्ला, परसुडीह स्थित माँ भगवती काली मंदिर की जर्जर स्थिति |
यहाँ के स्थानीय निवासियों के द्वारा मंदिर की साफ़ – सफाई की जाती है। मंदिर में न तो पानी की सुविधा है, और न किसी मुलभुत चीजों की। यहाँ रहने वाले लोगो का कहना है कि हिन्दू धर्म में शादी के दौरान बहुत सारी रश्में होती, वो इसी मंदिर में पूर्ण की जाती है। इस मंदिर की देखरेख वहा रहने वाली समाजसेवी रितिका श्रीवास्तव, उनके पति अमित श्रीवास्तव और बस्ती के कुछ ज़िम्मेदार लोगो द्वारा किया जा रहा है।
रितिका श्रीवास्तव ने बताया कि यह हमारे सनातनी धर्म के लिए बहुत ही दुःख की बात है, क्योंकि बाकि धर्म के लोग अपने धर्म और धार्मिक स्थल को लेकर कितना निष्ठावान है यह देखने और समझने योग्य है। अक्सर हमारे सनातनी धर्म में लोग जातियों में बंट जाते है और धर्म-कार्य में पीछे हट जाते है। रितिका जी ने सभी सनातनी लोगो से निवेदन किया है कि जो भी लोग इस मंदिर के लिए कुछ करना चाहते हैं वो आगे आकर धर्म-कार्ये में हाथ बढ़ा सकते है।
मकदमपुर, मुन्सी मोहल्ला, परसुडीह स्थित माँ भगवती काली मंदिर की दीवारों की जर्जर स्थिति |
रितिका जी और हमारे THE NEWS FRAME के तरफ से भी संपर्क नंबर जारी किया जा रहा है जो भी लोग इस प्राचीन मंदिर निर्माण कार्य में किसी भी तरह से सहयोग करना चाहते है वो हमें या रितिका जी को संपर्क कर सकते है।
रितिका श्रीवास्त – +91 83403 76291
नीतू दुबे (रिपोर्टर) – +91 89874 80595
अभिषेक कुमार (रिपोर्टर) – +91 82106 27403
मकदमपुर, मुन्सी मोहल्ला, परसुडीह स्थित माँ भगवती काली मंदिर में स्थानीय निवासी एवं द न्यूज फ्रेम के सदस्य। |