Yoga करें और Healthy रहें।
दोस्तों फिट रहने के लिए सभी अपने तरीके अपनाते हैं। कोई जिम करता है तो कोई Aerobic fitness program के क्लास करता है। लेकिन आज हम बात करेंगे योगासन के बारे में । जैसा कि आप सभी जानते हैं योगासन किसी भी उम्र में की जा सकती है। योगाभ्यास से शरीर को सुडौल और लचीला भी बनाया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं योगासन करने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक हो जाता हैं। क्योंकि सही तरीके से किये गए योगासनों से अधिक लाभ मिलता है और गलत तरीके या अज्ञानवश किये गए योगासन के दुष्परिणाम होते हैं।
हमारे मन में कई बार योगासन को लेकर विभिन्न प्रकार के सवाल उठते हैं। जिनका जवाब जानना भी बहुत आवश्यक हो जाता है। आइये कुछ सवालों और जवाबों के द्वारा हम बताते हैं कि योगासन करने से पूर्व किन सावधानियों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है।
सवाल – योगासन किस उम्र में करनी चाहिए?
जवाब – योगासन सभी उम्र में की जा सकती है। स्त्री, पुरुष, जवान, बच्चे और बूढ़े सभी आसानी से योगासन कर सकते हैं। लेकिन कुछ आसान ऐसे होते हैं जिन्हें स्त्रियों को नहीं करना चाहिए। जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे।
सवाल – क्या स्त्रियों को गर्भावस्था या मासिक धर्म के समय योगासन करना चाहिए?
जवाब – कई योगासन स्त्रियों के लिए वर्जित हैं। उन आसनों के बारे में हम आगे बताएंगे। वहीं गर्भावस्था तथा मासिक धर्म में भी आसनों को नहीं करना चाहिए।
सवाल – योगासनों को करने का उपयुक्त / सही समय कौन सा है?
जवाब – योगासनों को करने का सबसे उपयुक्त तथा लाभप्रद समय सूर्योदय से एक घंटा पहले का समय सर्वोत्तम होता है। सूर्योदय के आधा घंटा बाद भी योग किया जा सकता है। लेकिन इसे कम श्रेष्ठ माना जाता है। किंतु लाभ आवश्यक मिलते हैं।
सवाल – क्या सायंकाल में योगासन / योगाभ्यास किया जा सकता है?
जवाब – हां सांय काल के समय योगासन किया जा सकता है। सूर्यास्त के समय और सूर्यास्त के बाद लगभग एक घंटा का समय इसके लिए निर्धारित की गई है। बाकी अन्य समयों पर योग करने से अधिक लाभ प्राप्त नहीं होता हैं। व्यायाम और योगासन के लिए सूर्योदय या सायंकाल का ही समय श्रेष्ठ कर माना गया है।
सवाल – प्राणायाम कब करना चाहिए?
जवाब – प्राणायाम योगासनों को आरम्भ करने से पहले करना चाहिए।
सवाल – क्या पानी पीकर योगासन किया जा सकता है?
जवाब – योगासन से 10 -15 मिनट पूर्व प्रातःकाल खाली पेट डेढ़-दो गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए। जिससे पानी भली-भांति आंतों में घूमता हुआ नीचे पहुंच जाता है। कब्ज वालों को इसका लाभ अवश्य मिलता है। ठंढ के मौसम में हल्का गुनगुना पानी पीना चाहिए।
सवाल – स्त्रियों को बाल खुले रखने चाहिए या बांध कर रखने चाहिए।
जवाब – योगासन करते समय बालों को अच्छे से बांध कर रखना चाहिए। खुले बाल योगाभ्यास में बाधा पहुंचा सकते हैं।
सवाल – क्या योगासन के समय अंडर गारमेंट्स पहनने चाहिए ?
जवाब – बिल्कुल, योगासन के समय अंडर गारमेंट्स अवश्य पहनने चाहिए। जो लंगोट पहनते है उनके लिए सर्वोत्तम है। बता दें कि कुछ आसनों में पेट व पेडू पर अधिक जोर पड़ता है जिसमें अंडर गारमेंट्स पहनना लाभदायक होता है।
सवाल – योगासन करने के समय क्या पहनना चाहिए?
जवाब – साधारणता योगासन के समय न अधिक चुस्त और न ही अधिक ढ़ीले कपड़े पहनने चाहिए। कपड़े मीडियम स्तर के हों और शरीर के मूवमेंट के समय सहयोगी हो। हो सके तो योगासन के समय अंडर गारमेंट्स या हल्के और खुले वस्त्र पहने जा सकते हैं। वस्त्र मौसम के अनुसार भी पहनने चाहिए।
सवाल – क्या आभूषण पहन कर योगासन किया जा सकता है?
जवाब – योगासन के समय आभूषण नहीं पहनना चाहिए। यदि पहने हैं तो उतार देना चाहिए। अंगूठी, चेन भी नहीं पहनना चाहिए।
सवाल – योगासन करने के कितने देर बाद खाना चाहिए?
जवाब – योगासन करने के बाद कुछ न खाएं तो सर्वोत्तम होगा। वैसे एक से डेढ़ घंटे बाद ही कुछ खाना या पीना चाहिए।
सवाल – क्या योगासन का अभ्यास स्वयं से किया जा सकता है ?
जवाब – सरल आसन स्वयं से किये जा सकते हैं। किंतु आरम्भ में कठिन आसन, प्राणायाम और सूक्ष्म यौगिक क्रियाएं हमेशा योग शिक्षक के निगरानी में ही करना चाहिए।
सवाल – क्या शरीर के अस्वस्थ रहने पर योगासन किया जा सकता है ?
जवाब – नहीं, अस्वस्थ शरीर रहने पर योगासन नहीं करना चाहिए। इससे लाभ के बदले नुकसान ही होता है। बुखार, खांसी होने पर अथवा पेट, पेडू, नाभि आदि में समस्या या दर्द होने पर योगासन नहीं करना चाहिए। क्योंकि योगासन के समय शरीर में जोर पड़ता है, शरीर मूवमेंट करती है ऐसे में अचानक से उत्पन्न खांसी या दर्द मांसपेशियों व नाड़ीतंत्र पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।
सवाल – क्या हृदय रोगियों को योगासन करना चाहिए?
जवाब – हृदय रोगियों को वैसे आसन नहीं करने चाहिए जो हृदय पर जोर डालने वाले हो। योगासनों को सावधानी से और कम समय तक ही करना चाहिए। हो सके तो शिक्षक की निगरानी में ही आसन करना चाहिए।
सवाल – प्राणायाम कब और कैसे करना चाहिए?
जवाब – प्राणायाम हमेशा योगासन से ठीक पहले करना चाहिए। इसमें ध्यान लगाने संबंधित क्रियाएं भी शामिल है अतः प्राणायाम के समय रीढ़ की हड्डी सीधी और घुटने मोड़ कर बैठने चाहिए।
हो सके तो प्राणायाम सिद्धासन, पद्मासन, अर्धपद्मासन या बैठने वाले योगासन में ही करना चाहिए। लेटकर प्रणायाम कभी नहीं करने चाहिए।
सवाल – ‘मूलबन्ध’ क्या है? प्राणायाम में इसकी क्या उपयोगिता है?
जवाब – मूलबन्ध एक प्रकार की यौगिक क्रिया है । जिसमें गुदा या मलद्वार और उसके आसपास की मांसपेशियों को भीतर की ओर संकुचित किया जाता है। प्रणायाम के समय मूलबन्ध का प्रयोग किया जाता है।
प्राणायाम या ध्यान करते समय मूलबन्ध जरूर लगाना चाहिए। क्योंकि कुण्डली के जागृत होने पर जब प्राण मूलाधार चक्र पर टक्कर मारते हुए सुषुम्ना में प्रवेश करता है, तब आघात लगता है और यदि मूलबन्ध न लगा हो तब मूत्र या वीर्य निकल जाता है।
वहीं रीढ़ की हड्डी यदि उस समय सीधी न हो तो प्राण ऊपर नहीं चढ़ता या कुण्डली आगे नहीं बढ़ती और चक्रभेदन नहीं कर पाती जिससे कुंडलिनी शक्तियां जागृत नहीं हो पाती हैं।
सवाल – मांसाहार वाले योगासन कर सकते हैं? जवाब – योगासन करने वालों को मांसाहार बिल्कुल छोड़ देना चाहिए। योगासनों का पूर्ण लाभ पाने के लिये शाकाहारी होना अच्छा है। मांसाहारी होने पर योगासन का उचित लाभ नहीं मिलता हैं।
सवाल – क्या नशा करके या नशा करने वाले योगासन का लाभ प्राप्त कर सकते हैं ?
जवाब – बिल्कुल भी नहीं। नशा करके या नशा करने वाले लोग योगासन करके लाभ के बदले नुकसान ही प्राप्त करेंगे।
सवाल – क्या भोजन करके योगासन किया जा सकता है?
जवाब – नहीं, भोजन करके योगासन कभी नहीं करना चाहिए। भोजन करने के 3-4 घंटे बाद ही योगाभ्यास / योगासन करना चाहिए। भोजन करने से एक-डेढ़ घंटा पहले योगासन किया जा सकता है। बज्रासन एकमात्र आसन है जिसे कभी भी किया जा सकता है। इसे भोजन से ठीक पहले या बाद में भी किया जा सकता है।
सवाल – क्या योगासन खाली पेट किया जा सकता है?
जवाब – हां, योगासन सुबह में खाली पेट करना सर्वश्रेष्ठ होता है।
सवाल – योगासन कितनी देर तक करना चाहिए? जवाब – योगासन का लाभ लेने के लिए कम से कम आधा – एक घंटा का समय पर्याप्त होता है। इससे कम या जल्दबाजी में योगासन न करें। चलते-फिरते या पांच-दस मिनट में योगासन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। योगासन को हमेशा धीरे और आराम से करने से लाभ अधिक मिलता है। जल्दबाजी में इसके गलत परिणाम हो सकते हैं।
सवाल – क्या आसनों को करते समय बल का प्रयोग किया जा सकता है ?
जवाब – बल का प्रयोग न करें। योगासनों को हमेशा शरीर के लोच के अनुसार ही करना चाहिए। प्रारम्भ में बहुत से आसन पूरे नहीं लग पाएंगे लेकिन कुछ दिनों के अभ्यास के बाद शरीर में लोच आ जाने से आसन पूर्ण स्थिति में आ जाएंगे। योगासनों को कभी भी जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए।
सवाल – क्या योगासन करते हुए बात किया जा सकता है?
जवाब – योगासन करते समय बोलना या हंसना नहीं चाहिए। इससे लाभ के बदले नुकसान अधिक होता है।
सवाल – योगासन करने का सबसे बढ़िया स्थान कौन सा होता है?
जवाब – योगासन हमेशा खुले और हवादार एरिया में करना चाहिए। हो सके तो प्राकृतिक छायादार वातावरण, खुली हवा और समतल स्थान पर ही योगासन करना चाहिए। घर के छत या बगीचे में बैठ कर
सवाल – क्या जमीन पर सीधे या नंगी जमीन पर योगासन किया जा सकता है?
जवाब – नंगी भूमि अथवा जमीन पर सीधे योगासन नहीं करना चाहिए। हमेशा दरी या चटाई बिछा कर ही करना चाहिए। सर्दियों में कम्बल का प्रयोग किया जा सकता है।
सवाल – योगासनों का क्रम कैसा होना चाहिए? जवाब – योगासनों का क्रम एक-दूसरे के विपरीत प्रभाव वाला होना चाहिए। जैसे- सिर के बल आसन करने के बाद सीधे खड़े वाले आसन करना चाहिए। वहीं पेट के बल लेटने वाले आसन करने के बाद पीठ के बल लेटकर आसन करने चाहिए। ऐसा करने से योगाभ्यास में संतुलन बना रहता है और लोच बढ़ने की क्रिया में तेजी आती है।
दोस्तों यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें अवश्य बताइये। वैसे अगर आप योग के बारे में कुछ भी जानते तो शिक्षक की मदद से ही योगासन आरम्भ करें।