उत्तर प्रदेश सब ऑर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन कमीशन (उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग/ UPSSSC के द्वारा आयोजित 1953 ग्रामीण अधिकारियों के पदों हेतु लिए गए परीक्षा को रद्द कर दिया है।) द्वारा आयोजित परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। जिसका सबसे बड़ा कारण परीक्षा में हो रहे धांधली को बताया है।
बता दें कि वर्ष 2018 में UPSSSC ने 1953 पदों पर जो की ग्राम पंचायत अधिकारी के लिए 1527 पद, ग्राम विकास अधिकारी के लिये 362 पद और समाज कल्याण पर्यवेक्षक के लिए कुल 64 पदों पर भर्ती निकाली थी का परीक्षा लिया और रिजल्ट भी जारी किया लेकिन अब इस परीक्षा को ही रद्द कर दिया गया है।
इन पदों के लिए लगभग 14 लाख आवेदन आये थे। जिसमें जनरल और ओबीसी वर्ग के लिए रु.-185, एससी/ एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए रु.- 95, और दिव्यांग वर्ग के उम्मीदवारों के लिए रु.- 25 मात्र निर्धारित किया गया था। जिसमें आरक्षित सीटों की संख्या क्रमशः इस प्रकार रखी गई थी- जनरल- 1056, ओबीसी- 484, एससी- 386 और एसटी उम्मीदवारों के लिए 27 सीटें निर्धारित की गई थी।
बता दें कि इस भर्ती के लिए 30 मई 2018 को UPSSSC (उत्तर प्रदेश सब ऑर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन कमीशन) ने नोटिफिकेशन निकाला था। जिसके तहत 30 मई से 29 जून 2018 के बीच ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का समय निर्धारित था, जिसके लिए कुल 14 लाख लोगों ने आवेदन दिया।
निर्धारित समयानुसार 22 व 23 दिसंबर 2018 को परीक्षा का आयोजन हुआ जिसमें 9.1 लाख परीक्षार्थीयों ने परीक्षा में दिया। जिसके रिजल्ट की घोषणा अगस्त 2019 में हुई थी।
रिजल्ट के बाद से ही परीक्षार्थियों द्वारा इस परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए जाने लगे जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस परीक्षा को लेकर मार्च 2020 को एसआईटी गठित की और 27 मार्च 2020 के बाद से बहाली प्रक्रिया को रोक कर धांधली की जांच आरम्भ कर दी। लगातार हो रहे परीक्षा में धांधली की बातों को लेकर अंततः UPSSSC आयोग ने इस परीक्षा को ही रद्द कर दिया गया।
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