हमें राजनीति का मोहरा न बनाया जाए – जुनैद अनवर
“इस्लाम व राष्ट्रीयता में कोई अंतर्विरोध नही है” : इबरार अहमद (संयोजक ,माही व साझा मंच)
“सियासत सज़रे ममनुवा नही है इसलिए इसकी समझ व बेदारी जरूरी है” – मुस्ताक अहमद (जमशेदपुर)
“हमारे खेतों को राजनीतिक मवेशी चर जाते हैं और हमे इसका ऐहसास तक भी नही होता” : अब्दुल कलाम रशीदी ( सदस्य, राँची बार कौंसिल)
“नफ़रत की राजनीति की वजह कर कई समुदाय हाशिये में चली गयी है” : सैय्यद मेराज हसन (राँची)
“पक्ष या विपक्ष दोनों अपनी राजनीति मुसलमानों पर ही कर रहा है” : डॉक्टर तारिक़ हुसैन
“जब सदन संयमित नही होती है तो सड़के आवारा हो जाया करती है” : मोहम्मद फिरोज़ ख़लीफ़ा (हजारीबाग)
“शिक्षित समाज ही संघर्ष के मूल को समझ सकती है” : बैरम खान (चक्रधरपुर अंजुमन)
“हमारे यूथ शिक्षा के अभाव में बेराहरवी के शिकार हो रहे हैं” : ज़फर खान (युथ प्रेसिडेंट, सिमडेगा अंजुमन)
“आज के ज़हर आलूद माहौल में संगठित व संयमित लोगों को ही न्याय मिल सकती है” : जावेद_अहमद (नायब सदर, सिमडेगा अंजुमन)
“जरूरत है कि अपने क़ौम की मर्ज पहचान कर इलाज़ तलाशने की तभी हम पशती से उभर पायेंगे” : रियाज़ शरीफ़ (जमशेदपुर)
“संविधान में हमारे हुक़ुक़ दिए जाने के साथ-साथ हैं हमारी जिम्मेदारियां भी सुनिश्चित की गयी है जिसका अनुसरण करना अतिआवश्यक है तभी सामाजिक वैमनस्य दूर होगी” : मोहम्मद शहज़ाद (सदर अंजुमन, चक्रधरपुर)
राँची/चक्रधरपुर: देश व झारखण्ड में सुनियोजित तरीके से चल रहे मुसलमानों के खिलाफ़ हिंसा और घृणा अभियान के खिलाफ़ राज्यस्तरीय बैठक में राज्य के कई जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह बैठक मेन रोड स्थित होटल सरताज़ के सभागार में आयोजित किया गया। बैठक की अध्यक्षता समाजसेवी व माही के संरक्षक जुनैद अनवर ने की जबकि मंच संचालन मुस्तक़ीम आलम ने किया।बैठक में विशेषकर इस बात पर चिंता ज़ाहिर की गयी कि देश के सभी चुनाव में मुसलमानों को राजनीति के केंद्र में रखकर मोहरा बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि देश व राज्य की राजनीति में मुसलमान हाशिये पर है, उपेक्षित है।
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देश की राजनीति में मुसलमान कहीं भी प्रभावी नही है और तथाकथित वोट बैंक का शिराज़ा भी बिखर चुका है। मुसलमान अपनी समस्याओं में ही घिरा हुआ है और वह उस रास्ते की तलाश में जहाँ शिक्षा विकासमार्ग को प्रशस्त करता है। फिर भी, देश की विभाजनकारी पार्टियों के नेता मुसलमानों की चरित्र लिंचिंग में सभी मर्यादाओं को तोड़कर लीन है।
कहीं मुसलमानों की लिंचिंग की जा रही है कहीं उसकी पहचान को संदिग्ध बनाया जा रहा है, घुसपैठिए के नाम पर दहशत पैदा किया जा रहा है, मुसलमानों के खिलाफ़ उन्माद और वैमनस्य का वातावरण बनाया जा रहा है, कहीं मुसलमानों से रोजगार छीनने की साजिश की जा रही है और इनके विकास के तमाम रास्तों को अवरुद्ध किया जा रहा है, जिससे मुसलमानों में एक अदृश्य बेचैनी और गुस्सा है, जबकि मुसलमानों ने संयम व भाईचारे की अद्भुत मिसाल पेश की है।झारखंड में भी पुनः मॉबलिंचिंग गिरोह और चरमपंथी तत्व चुनाव से पूर्व सक्रिय हो गये हैं।
अभी कुछ ही दिनों में राँची के महिलोंग, कोडरमा और दुमका में दर्दनाक तरीके से तीन निर्दोष मुसलमानों की हत्या कर दी गयी, जिनमें दो व्यक्ति मस्जिद के ईमाम थे। बहुत ही बेरहमी से बिना किसी कारण चरमपंथी भीड़ ने न केवल हत्या की, बल्कि इसकी फिल्म बनाकर वायरल भी किया। कोडरमा की उस हत्यारी भीड़ में पुलिस भी मौजूद थी लेकिन इस दर्दनाक घटना को न रोक सकी।बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों से और कई अंजुमनों के अध्यक्ष और सचिवों ने वर्तमान हालात पर अपनी बातें रखी। बैठक की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ हैं।बैठक में धन्यवाद ज्ञापन माही के महासचिव मतीउर रहमान ने किया।
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इस बैठक में अपने उदगार व्यक्त करने वालों में जमशेदपुर से रियाज़ शरीफ़, मुश्ताक अहमद, मोहम्मद शाहिद, सिमडेगा अंजुमन के उपाध्यक्ष जावेद खान, यूथ प्रेसिडेंट सिमडेगा अंजुमन के ज़फर खान, अज़ीमुल्लाह अंसारी, हजारीबाग से इरफान अहमद,मोहम्मद फ़िरोज़ ख़लीफ़ा,महताब आलम, मोहम्मद शाहिद, चक्रधरपुर के शहज़ाद मंज़र,बैरम खान,शकील ख़ान, ताबिश अली, लातेहार से कमरूल आरफीन, फैसल अहमद, गिरिडीह से मोहसिन खलील, शकील अख़्तर इसके इलावा राँची अंजुमन इस्लामिया के उपाध्यक्ष मोहम्मद नौशाद, सदस्य मोहम्मद शाहिद टुकलु, मोहम्मद नज़ीब,सामाजिक कार्यकर्ता फ़ज़ल इमाम, इरफ़ान खान,अर्शे आज़म,वक़ील अहमद रिज़वी,आदिल सुफियान,हाजी बिलाल कुरैशी,शाहबाज़,जमैतुल इराकीन के अध्यक्ष हसीब अख़्तर, महासचिव सैफुल हक़,उज़ैर अहमद,अधिवक्ता कलाम रशीदी, माही के मोहम्मद सलाहउद्दीन, मोहम्मद शकील,ख़ालिद सैफुल्लाह, अरशद शमीम,नदीम अख़्तर, हाजी नवाब, नूर आलम,मोहम्मद इक़बाल, सरवर इमाम,सैय्यद मेराज हसन,मिल्लत पंचायत के सदर जावेद अहमद, हलालखोर पंचायत के मोहम्मद शमीम, सर्व इंडिया से फारूक आज़म, अनीसुर रहमान, ओरमांझी पंचायत के सदर मुंतज़िर रज़ा, एजाज़ अहमद,शादाब खान, मोहम्मद ज़ैद, फ़हीम अहमद वगैरह समेत कई जिलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।