जमशेदपुर कोर्ट में समय से पहले बदलाव क्यों : सुधीर कुमार पप्पू
जमशेदपुर : इस जेठ की तपती गर्मी में न्यायालय का कामकाज दोपहर में होने से पक्षकारों को भारी परेशानी हो रही है। इस परेशानी में और इजाफा हो रहा है क्योंकि पिछले तीन दिनों से जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में पावर कट हो रहा है।
इस पावर कट के कारण न्यायालय में जहां न्यायिक पदाधिकारी मोबाइल के लाइट के सहारे कामकाज निपटा रहे हैं वहीं कोर्ट का कामकाज प्रभावित हो रहा है।अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार पॉवर कट के कारण पिछले तीन दिनों से परेशानी हो रही है। बुधवार को एक मामले में दुर्गापुर से गवाह आया था और पावर कट के कारण गवाही नहीं हो पाई।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने सवाल उठाया है कि माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर जब झारखंड के सभी तेईस जिलों में न्यायालय का कार्य मॉर्निंग चल रहा है, तो पूर्वी सिंहभूम का जमशेदपुर कोर्ट इसका अपवाद क्यों है?
यहां न्यायालय का काम काज डे करने की क्या जरूरत पड़ी थी। अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार बार एसोसिएशन की वैधानिक बॉडी नहीं होने के कारण ही जिला न्यायालय प्रशासन में यह फैसला लिया है।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार कार्य दिवस डे किया जाना था तो वकीलों से कम से कम सलाह तो ले ली जाती।सोमवार को ही न्यायालय का कामकाज का समय बदला और उस दिन से पावर कट शुरू है।
वकीलों को तो नियमित और निश्चित तनख्वाह नहीं मिलती है । वह पक्षकार का काम करेंगे तभी उन्हें इसकी फीस मिलती है।
यदि पक्षकारों का काम ही प्रभावित होगा तो स्वाभाविक तौर पर इसका असर वकालत पेशे पर पड़ता है। वही सुधीर कुमार पप्पू ने न्यायालय भवन में निर्वात बिजली आपूर्ति जारी रखने के लिए जनरेटर सेट की व्यवस्था पर भी बल दिया है। उनके अनुसार यदि पावर कट मरम्मत के कारण दिया जा रहा है तो यह काम शाम के बाद भी हो सकता है।इधर सुधीर कुमार पप्पू द्वारा सवाल उठाए जाने का स्वागत बड़ी संख्या में वकील कर रहे हैं। जिनका काम पावर कट के कारण प्रभावित हुआ है।