भुईंयाडीह मामले में चाणक्य नीति हुई फेल।
जमशेदपुर: पूर्व सांसद सह कांग्रेस के वरीय नेता डॉ. अजय कुमार ने रविवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि भाजपा पहले आग लगाती है और फिर उसको बुझाने का नाटक करती है, यही उसका चरित्र है. इस पूरे खेल में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय बराबर के भागीदार है. अब तो पूरी तरह से साफ हो गया कि अर्जुन मंडा ने ही एनजीटी में आवेदन किया था.
सबसे बड़ी बात की जनजातीय केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को पर्यावरण मंत्रालय मामले में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता क्यों पड़ी. मुंडा को बताना चाहिए कि क्या किसी कार्पोरेट कंपनी के साथ कोई डील हुई थी. उनको एनजीटी में किए गए आवेदन को भी सार्वजनिक करना चाहिए. ताकि लोगों इस मामले की पूरी जानकारी मिल सके.
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डॉ. अजय ने सरयू राय पर निशाना साधते हुए कहा कि सरयू राय को बताना चाहिए कि वो भाजपा नेता अर्जुन मुंडा को क्यों बचाने का प्रयास कर रहे हैं. उनके बीच क्या रिश्ता है. एनजीटी के आर्डर में तो साफ लिखा है कि 30 अगस्त 2023 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा जमशेदपुर में हुए अतिक्रमण मामले में आवेदन किया गया था. एनजीटी के कोलकाता बेंच के आर्डर से साफ है कि पहली चिंगारी बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा ने लगाई थी.
उसके बावजूद विधायक सरयू राय अर्जुन मुंडा को बचाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अर्जुन मुंडा को एनजीटी में उनके द्वारा किए गए आवेदन को सार्वजनिक कर अपना पक्ष रखना चाहिए. मुझे जानकारी मिली है कि यह आवेदन शहर में अतिक्रमण कर बसे सभी बस्तियों के लिए किया गया था. सच जल्द सामने आएगा.
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डॉ. अजय ने कहा कि इस मामले में चाणक्य नीति कहीं फेल होती दिख रही है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस जनता ने आप पर भरोसा कर आपको विधायक बनाया और आपने सिर्फ अपने राजनीतिक लाभ के लिए उनके साथ धोखा किया. उनको बरगलाते रहे. आप उस क्षेत्र के वर्तमान विधायक है.
गरीब जनता के घरों को बचाने की जिम्मेवारी आपकी थी और आप उन्हें झुठा दिलासा देते रहे. क्या आपको इस मामले की पूरी जानकारी नहीं थी या आपने जानकारी होने के बावजूद बीजेपी औऱ अर्जुन मुंडा को बचाने के लिए नाटक करते रहे. आप तो कानून के जानकार है, हर मामले में गहराई तक जाकर पता लगा लेते है तो फिर इस मामले में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई. यह आपको क्षेत्र की जनता को बताना चाहिए.