My Pen : शुक्रवार 03 दिसम्बर, 2021
सोशल मीडिया पर आये दिन महात्मा गांधी और उनके विचारों की धज्जियां उड़ाई जाती है। ऐसा ही आज फेसबुक देखते समय एक पोस्ट पर नजर जाकर टिक गई। उस पोस्ट में महात्मा गांधी के द्वारा किये गये कार्यों का सुलगते सवालों के साथ विश्लेषण मात्र था। पोस्ट पढ़ने के बाद एकबार आप भी सोच में डूब जाएंगे कि क्या वास्तव में गांधी, गांधी था या अंग्रेजों का कोई मुखबिर या था कोई शातिर खिलाड़ी। जिसने भोली भाली जनता को बेवकूफ बनाया। क्या गांधीवाद एक छलावा था। सवाल जो हजम नहीं होते। उन्हें आपको भी अवश्य जानना चाहिए।
आइये उन सुलगते 10 सवालों को एक बार अपनी नजर से समझते हैं-
क्या गांधी, वाकई में महात्मा गांधी था?
मोहनदास करमचंद गाँधी
1. आप एक काले आदमी लंदन में रहकर बिना किसी परेशानी के गोरो के साथ पढ़ते, होस्टल के एक कमरे में रहते हैं, एक मेस में खाते है फिर अचानक ट्रेन में एक साथ सफर करने में फेंक दिए जाते है? क्यूँ? ये बात कतई हजम नही हुई।
2. फिर आप वही काले भारतीय उन्हीं गोरों की सेना में सार्जेंट मेजर बनते हैं और दक्षिण अफ्रीका में ब्रिटिश बोर वार में आपकी तैनाती एम्बुलेंस यूनिट में होती है जहां आप लड़ाई में गोरों का कालों के विर्रुध साथ देते हैं। मिलिट्री यूनिफॉर्म में आपकी फोटो पूरे इंटरनेट उपलब्ध है। सार्जेंट मेजर गांधी लिखकर सर्च कर लीजिए।
3. फिर आप में अचानक 46 वर्ष की उम्र में 1915 में देशप्रेम जागा और मिलिट्री यूनिफार्म उतारकर आपको बैरिस्टर घोषित कर दिया गया। (रानी लक्ष्मी बाई, खुदीराम बोस, बिस्मिल, भगतसिंह और आजाद जैसे अनेकों देशभक्तों की 25 की उम्र आते आते तक शहादत हो गई थी।)
4. फिर आपको महात्मा बुद्ध की तरह शांति अहिंसा का दूत बनाकर दक्षिण अफ्रीका से सीधे चंपारण भेज दिया जाता है जहाँ नील उगाने वाले किसानों के आंदोलन को आप हैक कर लेते हैं। हिंसक होते आंदोलन को अहिंसा शांति के फुस्स आंदोलन में बदल देते हैं। क्यूँ?
5. आप महात्मा बुद्ध की तरह दिन में एक धोती लपेट कर शांति अहिंसा के नाम पर भारतीयों के आजादी के लिये होनेवाले हर उग्र आंदोलन की हवा निकाल कर उसे बिना किसी परिणाम के अचानक समाप्त कर देते हैं और अंग्रेज चैन की सांस लेते रहते हैं। क्यूँ?
6. नंगा फकीर बनकर अपने साथ अपनी बेटी भतीजी के अलावा अनेक औरतों के साथ खुद पर परीक्षण करने के लिये नंगे सोते हैं और अपने सेल्फ़-कंट्रोल को टेस्ट करते हैं। कौनसा महात्मा ऐसा करता है?(यह अपनी पुस्तक “सत्य के साथ मेरे प्रयोग” में उन्होंने खुद स्वीकार किया है।)
7. आप अहिंसा के पुजारी, प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में अंग्रेजों का खुला साथ देते हैं और अपने अहिंसा के सिध्दांतों को दरकिनार करके भारतीयों को कहते हैं सेना में भर्ती हो जाओ और युद्ध करो ताकि ब्रिटिश राज बचा रहे। तब अहिंसा आड़े नहीं आयी?
8. इसी अहिंसा की ख़ातिर नेताजी का कांग्रेस से इस्तीफ़ा दिला दिया? जब अंग्रेजों की तरफ से लड़ना अहिंसा है तो अपने देश के लिये लड़ना क्यों बुरा था?
9.दिल्ली के मंदिर में कुरान पढ़ने की जिद पूरी करने के लिए पुलिस बुला लेते हैं पर कभी मस्जिद में गीता या रामायण नहीं पढ़ने की हिम्मत जुटा पाते।
10. पाकिस्तान को 55 करोड़ और आज के बांग्लादेश जाने 15 KM चौड़ा कॉरिडोर जिसके दोनों तरफ 10 KM तक केवल मुस्लिम ही जमीन खरीद सके उसकी जिद पकड़कर अनशन करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते हैं। यही अनशन आपने पाकिस्तान ना बनने के लिए क्यूँ नहीं किया?
बापूजी सत्य यह है आपके अहिंसा के पाठ सिर्फ़ एकतरफा के ही लिए थे जिन्होंने भारतीय मूल जाती को नपुंसक बना दिया। वहाँ पंजाब, सिंध, केरल में लोग मरते रहे, भगत सिंह सूली चढ गया मगर आपने अनशन नहीं दिए।
शुक्र है आप इजराइल नहीं गए और वहाँ अपने अहिंसा के भजन नहीं गाए, नहीं तो वहाँ के यहूदियों का अब तक अस्तित्व ख़त्म हो गया होता और वो बंब की जगह चरखे फेंक रहे होते।
सोर्स :
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