Mumbai : रविवार 17 अप्रैल, 2022
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों में एक बात तेजी से वायरल हो रही है वह है हिन्दू जाग गया है। पुष्पा फिल्म का फेमस डायलॉग जागा हुआ हिन्दू अब झुकेगा नहीं साला, हिन्दू राज। कुछ ऐसा ही महसूस होता है। तथाकथित हिन्दू नाम लेकर राजनीति की रोटी सेकने वालों की। वहीं अज़ान पर भी अब बवाल है। क्योंकि अब मौलाना और मौलवी लाउडस्पीकर पर ही अजान देते हैं। वहीं धर्म के ठीकेदारों ने मंदिर और मस्जिद पर ही तमाशा बनाना चालू कर दिया है। तमाशबीन बने लोग बड़े चाव से एक-दूसरे को घूर रहे है।
हिन्दू है क्या? बता दें कि हिन्दू शब्द फ़ारसी लोगों ने सिंधु नदी घाटी में रहने वाले लोगों को दिया था। वर्तमान में सिंधु नदी पाकिस्तान में है। यानी वर्तमान में हिन्दू पाकिस्तान के रहने वाले लोग कहे जा सकते हैं। यह भ्रमित करने वाला है। लेकिन जिसे हिन्दू धर्म कहते हैं वास्तव में वह सनातन धर्मावलंबी है। जिसका कोई आरंभिक तिथि ज्ञात नहीं किया जा सका है।
यहां हिन्दू का उल्लेख करने का तात्पर्य बस इतना सा ही है कि इतिहास स्वयं नहीं जानता कि सनातन संस्कृति और परंपरा के मानने वाले लोग कब से हैं? तो बीच में पारसियों ने हिन्दू शब्द देकर एक अलग ही बवाल खड़ा कर दिया है। खैर थोड़ा आगे बढ़ते हैं तो देखते हैं कि कभी हिन्दू खतरे में है तो कभी इस्लाम खतरे में है। कभी कोई धार्मिक ठीकेदार कहता है सनातन सबसे बड़ा है तो कोई इस्लाम सबसे बड़ा है कहता है।
समस्या की जड़ बस यहीं है। और वह दुखती नस भी यहीं है। इनको फॉलो करते हुए सब का सत्यानाश हो जाता है। अभी हाल में ही देश के कई हिस्सों में कुछ जाहिल लोगों ने पत्थर बाजी कर दंगे किये। इससे आपकी वास्तविकता ही झलकती है कि आप किस तरह के लोग हो।
खैर हम आगे बात करते हैं कि राज ठाकरे ने साफ तौर पर लाउडस्पीकर का विरोध करते हुए स्वयं लाउडस्पीकर लगा दिया। पहले तो अज़ान पर लाउडस्पीकर बैंड करने को कहा तो वहीं हनुमान चालीसा के लिए लाउडस्पीकर लगा दिया।
ये कहाँ जा रहे हैं हम। देश को टुकड़ों में बांटने और उसे जलाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। न हिन्दू पीछे हटना चाहता है न मुसलमान। हरकोई बिना सिर पैर के ईगो लिए चल रहा है। समय के साथ हमें परिवर्तन लाना ही होगा। चाहे धार्मिक मामले में, चाहे सामाजिक मामले में, हमें आगे बढ़ना ही होगा, वरना विनाश और बर्बादी के सिवा हम आने भविष्य को कुछ नहीं दे पाएंगे। क्योंकि वास्तविकता यही है आप जैसा बोयेंगे वैसा ही काटेंगे।
महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने आज अपने एक इंटरव्यू में कहा – हम महाराष्ट्र में दंगे नहीं चाहते। नमाज़ अदा करने का किसी ने विरोध नहीं किया लेकिन अगर आप इसे लाउडस्पीकर पर करेंगे तो हम भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करेंगे। मुसलमानों को समझना चाहिए कि धर्म कानून से बड़ा नहीं है। 3 मई के बाद, मैं देखूंगा कि क्या करना है।
वैसे बता दूं कि आज राजनीति करने के लिए केवल एक ही मुद्दा सबसे बढ़िया है और वह है धर्म का मुद्दा। कुछ लोग हिन्दू के नाम पर वोट बैंक कर रहे हैं तो कुछ मुस्लिम वोट बैंक के नाम पर। मजे की बात देखिये दोनों बराबर बेवकूफ बन रहे हैं और एकदूसरे को चिढ़ा रहे हैं।
वैसे देश की जब बात आती है तो हमें एकजुट होना ही चाहिए। क्योंकि हमारी संस्कृति और परंपरा भारतीय है।