भारतीय रेलवे : बुधवार 24 नवम्बर, 2021
भारतीय रेलवे ने रामायण एक्सप्रेस में अपने वेटर्स की वर्दी में कर दिया है बदलाव, जिसका प्रमुख कारण रामायण एक्सप्रेस में कार्यरत वेटर्स के ड्रेस का भगवा रंग बताया गया है।
बता दें कि उज्जैन के संतों ने वेटर्स को भगवा पोशाक पहनाए जाने पर आपत्ति जताई थी। और इस आपत्ति के बाद ही यह बदलाव किया गया है। उज्जैन के संतों ने वेटर्स के भगवा पोशाक को हिंदू धर्म का अपमान माना है। वहीं उन्होंने यह धमकी दी, की यदि रेलवे ने 12 दिसंबर से पहले इसे बदला नहीं गया तो वे दिल्ली में ट्रेन रोकने का आंदोलन चलाएंगे।
बता दें कि उज्जैन अखाड़ा परिषद के पूर्व महासचिव अवधेशपुरी ने बताया कि उन्होंने दो दिन पहले रेल मंत्री को एक पत्र लिखा था, जिसमें रामायण एक्सप्रेस में कैटरिंग की सुविधा देने वाले वेटर्स के ड्रेस कोड पर आपत्ति जताई थी और उसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि – वेटर्स का साधु की तरह टोपी, भगवा पोशाक पहनना और रुद्राक्ष की माला पहनना हिंदू धर्म और उसके संतों का अपमान है।
इस धमकी का असर यह हुआ कि भारतीय रेलवे ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा कि – यह सूचित किया जाता है कि वेटर्स की पेशेवर पोशाक पूरी तरह से बदल दी गई है, असुविधा के लिए खेद है।
ANI एजेंसी ने ट्वीट करते हुए नए ड्रेस पहने वेटर्स की तस्वीरों को भी साझा किया है। जिसमें दिखाया गया है कि वेटर्स सामान्य शर्ट, पतलून और पारंपरिक टोपी पहने हुए गेन। जबकि मास्क और दस्ताने फिलहाल भगवा रंग के ही हैं।
क्या आप जानते हैं, रामायण एक्सप्रेस की खासियते।
रामायण एक्सप्रेस ट्रेन भगवान राम के जीवन से जुड़े 15 स्थानों का भ्रमण भक्तों को कराने के उद्देश्य से चलाया गया है। जिसका रूट लगभग 7,500 किमी से अधिक की दूरी तय करता है। जिनमें शामिल है- अयोध्या, प्रयाग, नंदीग्राम, जनकपुर, चित्रकूट, सीतामढ़ी, नासिक, हम्पी और रामेश्वरम आदि।
Indian Railways withdraws saffron attire of its serving staff on board the Ramayana Special Trains following objections
“Dress of service staff is completely changed in the look of professional attire of service staff. Inconvenience caused is regretted,” says the Railways pic.twitter.com/ANsqHUQQzU
— ANI (@ANI) November 22, 2021