जमशेदपुर | झारखण्ड
मुख्य बिंदु :
▪निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत पदों पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित करने को लेकर गठित जिला स्तरीय जांच समिति की उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई पहली बैठक, माननीय विधायक घाटशिला, विधायक प्रतिनिधि जुगसलाई/ बहरागोड़ा / पोटका बैठक में हुए शामिल
▪नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियोजन नियमावली 2022 के अनुपालन/ अनुश्रवण को लेकर हुई विस्तृत चर्चा
▪जिले में अबतक 323 कंपनियों ने नियोजनालय में कराया निबंधन, उपायुक्त ने कहा- फरवरी माह के अंत तक शत प्रतिशत कंपनियों का निबंधन सुनिश्चित करायें
▪खनिज संपदा से भरपूर हमारे राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अपने जिला में ही रोजगार मिले, पलायन रूके यही सरकार का प्रयास… श्री रामदास सोरेन, विधायक, घाटशिला
▪आईटीआई/पॉलिटेक्निक डिप्लोमाधारी बेरोजगार युवा नियोजनालय में अपना निबंधन जरूर करायें ताकि निजी क्षेत्र में नियोजन की प्रक्रिया को बढ़ाया जा सके… श्रीमती विजया जाधव, उपायुक्त समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव की अध्यक्षता में निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत पदों पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित करने को लेकर गठित जिला स्तरीय जांच समिति की पहली बैठक आहूत की गई । बैठक में माननीय विधायक घाटशिला श्री रामदास सोरेन तथा विधायक प्रतिनिधि जुगसलाई/ बहरागोड़ा / पोटका बैठक में शामिल हुए । जिला स्तरीय जांच समिति में अभिहित अधिकारी सह अध्यक्ष के रूप में उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी होंगी वहीं सभी माननीय विधायकगण, उप विकास आयुक्त, श्रम अधीक्षक तथा सभी अंचल अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं । नियोजन पदाधिकारी जमशेदपुर एवं घाटशिला सदस्य सचिव के रूप में समिति में हैं।
बैठक में झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 पर विस्तृत चर्चा की गई साथ ही इसमें अबतक की प्रगति की समीक्षा की गई। नियोजन पदाधिकारी जमशेदपुर ने 10 या 10 से अधिक मानव बल जहां कार्यरत हैं वैसे 778 नियोजकों से निबंधन को लेकर पत्राचार किया जा चुका है जिनमें अबतक 323 नियोजकों ने नियोजनालय में अपना निबंधन कराया है । उपायुक्त ने कहा कि उक्त अधिनियम के अन्तर्गत नियोजक की परिभाषा में आने वाले सभी कंपनियों, प्रतिष्ठानों, दुकानों को नियोजनालय में निबंधित होना अनिवार्य है । उन्होंने कहा कि नियोजकों को स्थानीय उम्मीदवारों से रिक्तियों को भरना होगा । अगर आपके द्वारा यह बताया जाता है कि उच्च कौशल युक्त मानव बल की आवश्यकता है तो उसके अनुरूप सरकार द्वारा स्थानीय बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित कर मानव बल उपलब्ध कराया जाएगा । जिले के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन को दृढ़तापूर्वक लागू करने हेतु संबंधित नियोजन पदाधिकारी को निर्देशित किया गया।
माननीय विधायक घाटशिला ने कहा कि सरकार द्वारा इस नीति को लाने का उद्देश्य ही राज्य से पलायन को रोकना है। खनिज संपदा से भरपूर हमारे राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में नहीं भटकना पड़े इसलिए नियोजन अधिनियम/ नियमावली के क्रियान्वयन में अधिकारियों की काफी महती भूमिका होगी । माननीय विधायक ने सुझाव दिया कि जिले के सभी आईटीआई/ पॉलिटेक्निक डिप्लोमाधारी युवाओं का डाटाबेस बनाया जाए ताकि पता चले कितने युवा राज्य में अथवा बाहर नियोजित हैं, कितने बेरोगजार हैं जिन्हें डिग्री मिलने के बाद नौकरी नहीं मिल पाई है ।
उपायुक्त द्वारा जिले के ऐसे बेरोजगार आईटीआई/ पॉलिटेक्निक डिप्लोमाधारी युवाओं से अपील किया गया कि नियोजनालय में जल्द से जल्द निबंधन करायें साथ ही स्थानीयता को लेकर मांगे जाने वाले जरूरी कागजात भी अपने नजदीकी अंचल कार्यालय से जरूर बना लें। उन्होने निजी व सरकारी आईटीआई तथा पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास आउट युवाओं का डाटाबेस बनाने के भी निर्देश नियोजन पदाधिकारी को दिए ।
योजना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य –
• अधिनियम / नियम का विस्तार सम्पूर्ण झारखण्ड राज्य में 10 या 10 से अधिक व्यक्तियों का नियोजन करने वाला कोई व्यक्ति अथवा ऐसी संस्था जिससे सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित की जाय, पर लागू होगी। इसमें केन्द्र सरकार या राज्य सरकार के उपक्रम शामिल नहीं होंगे, किंतु केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के प्रतिष्ठानों / उपक्रमों में वाह्यस्रोत से सेवा उपलब्ध कराने वाली संस्था पर इस अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे।
• प्रत्येक नियोक्ता द्वारा स्वंय का अभिहित पोर्टल ( उद्देश्य के क्रियान्वयन हेतु झारखंड रोजगार पोर्टल) पर निबंधन स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2022 की अधिसूचना के 30 दिनों के अंदर करना होगा एवं 40,000/- हजार रूपये तक कुल वेतन पारिश्रमिक या मेहनताना पाने वाले प्रत्येक कर्मचारी का भी 3 महीनों के अंदर उक्त पोर्टल पर निबंधन अनिवार्य रूप से करना होगा। इसके साथ ही स्थानीय उम्मीदवारों को भी अधिनियम/नियम के अधीन लाभों के उपभोग हेतु स्वयं को अभिहित पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य होगा।
• उपरोक्त अधिनियम / नियम के तहत प्रत्येक नई परियोजना प्रारंभ करने वाले नये नियोक्ता परियोजना के प्रारंभ होने के 30 दिन पूर्व प्राधिकृत पदाधिकारी ( इस अधिनियम / नियम के क्रियान्वयन के उद्देश्य के निमित्त घोषित संबंधित जिला के जिला नियोजन पदाधिकारी/नियोजन पदाधिकारी) को उक्त अधिनियम के अधीन आने वाले कर्मचारियों की संख्या को आवश्यक कौशल के साथ स्पष्टत इंगित करते हुए आवश्यक कर्मचारियों की संख्या की जरूरत संबंधी विवरण को प्रस्तुत करना होगा।
• विधमान नियोक्ता के संदर्भ में अधिनियम / नियम के अनुसार यदि प्रतिष्ठान में मानव बल की कमी हो तो न्यूनतम 75 प्रतिशत स्थानीय नियोजन के मानदंड को पूरा करने हेतु नियोजक द्वारा एक कार्य योजना प्राधिकृत पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। यह कार्य योजना इन नियमों के प्रारंभ की तिथि से 3 वर्षों की समय सीमा के साथ होगी।
उक्त अधिनियम की सुसंगत धारा से छूट का दावा करने के लिए नियोक्ता को निर्धारित रीति एवं प्रपत्र द्वारा यह प्रमाणित करना होगा कि नियोक्ता द्वारा वांछित कौशल ज्ञान एवं निपुणता के योग्य स्थानीय उम्मीदवार प्राप्त करने हेतु सभी तरह के उपाय कर लिए गए हैं एवं स्थानीय उम्मीदवारों की पर्याप्त संख्या उपलब्ध नहीं है। इस हेतु अभिहित पदाधिकारी ( संबंधित जिले के उपायुक्त) की अध्यक्षता में जिला स्तर पर एक जांच समिति गठित होगी।
• अधिनियम / नियम के तहत रिक्तियों एवं नियोजन के बारे में त्रैमासिक प्रतिवेदन प्रत्येक नियोक्ता द्वारा प्रस्तुत की जाने की व्यवस्था निर्धारित की गई है।
• अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अधीन अभिहित पदाधिकारी या प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा पारित किसी आदेश से असंतुष्ट कोई नियोक्ता निर्धारित रीति एवं प्रपत्र में 60 दिनों के अंदर अपीलीय प्राधिकार (निदेशक नियोजन एवं प्रशिक्षण झारखंड सरकार ) के यहाँ अपील कर सकता हैं तथा अपीलीय प्राधिकार द्वारा अपीलकर्त्ता को सुनवाई का अवसर दिए जाने के बाद 60 दिनों के भीतर अपील का निपटारा किया जाएगा। “
• इस अधिनियम में अभिव्यक्त रूप से अन्यथा उपबंधित के सिवाय यदि नियोक्ता द्वारा इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंध या अधिनियम के अधीन लिखित में दिए गए किसी आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में (दंड) का भी प्रावधान किया गया है ।
• अधिनियम/नियम के अनुपालन के अनुश्रवण के लिए प्रधान सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग झारखंड सरकार की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति का भी प्रावधान है ।
बैठक में निदेशक डीआरडीए श्री सौरभ सिन्हा, जिला परिवहन पदाधिकारी श्री दिनेश रंजन, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रोहित कुमार, नियोजन पदाधिकारी जमशेदपुर श्री बम बैजु व नियोजन पदाधिकारी घाटशिला श्री अजय कुमार, श्रम अधीक्षक श्री अविनाश ठाकुर तथा अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।