जिस तरह से डॉ अजॉय कुमार अपनी राजनीतिक छवि को अपनी सक्रियता के दम पर चमका रहें हैं ऐसा लगता है आगामी झारखंड कॉंग्रेस अध्यक्ष का पद दुबारा से इनके नाम कर दिया जाएगा।
दोस्तों झारखंड कोंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद किसे मिलने वाला है यह तो समय ही बताएगा। लेकिन वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के द्वारा बिहारी, बाहरी और कारोबारियों को लेकर की गई कथित टिप्पणी के बाद यह चर्चा एक बार फिर गर्माने लगी है कि अब अध्यक्ष पद बदल दिया जाएगा। अब देखना यह है कि यह पद किसकी झोली में जाता है । वैसे कॉंग्रेस के कुछएक नेताओं को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
आपको बता दें कि रामेश्वर उरांव दिल्ली जाकर कॉंग्रेस आलाकमान के सामने अपने दिए गए बयान को लेकर सफाई दे चुके हैं। बहरहाल चर्चा है कि डॉ अजॉय कुमार, सुबोधकांत सहाय, कालीचरण मुंडा और बादल का नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए आगे बताया जा रहा है।
सुबोध कांत सहाय से इस बाबत बात की गई तो उन्होंने साफ कहा कि वे ऐसी बातों के लिए तैयार नहीं है। चर्चा यह भी है कि सुबोध कांत सहाय को केंद्रीय कांग्रेस कार्यसमिति में ले जाया जा सकता है।
डॉ. उरांव ने अपने बयान में कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष बादल की तरह होना चाहिए, वे पूरे राज्य में घूमते रहते हैं और सक्रिय रहते है। डॉ. अजय की तरह प्रदेश अध्यक्ष नहीं होना चाहिए जो महीना में 5 दिन ही झारखंड में रहते है ।
लेकिन उनकी बातों से ऐसा लगता है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय ने जिस तरह से अपनी कार्यशैली में बदलाव किया है उसे देखकर वे डर गए हैं।
आपको बता दें कि डॉ अजॉय कुमार झारखंड प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष के पद पर रह चुके है। वर्तमान में उनकी राजनीतिक और सामाजिक सक्रियता इस बात को उजागर कर रही है कि बदलाव जल्द होने वाला है। झारखंड के हर गांव और शहर के लोगों से मिलकर उनके दिलों को जीतने वाला कोई है तो वो है डॉ अजॉय कुमार। इनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर लोग इनके साथ जुड़ने को हमेशा तैयार रहते है। यह सबसे बड़ा कारण है कि झारखंड कॉंग्रेस अध्यक्ष का पद डॉ अजॉय कुमार के नाम हो।