जमशेदपुर। झारखण्ड
मणिपुर में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के विरोध में जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन ने महिला अधिवक्ताओं के आग्रह पर सोमवार को काला बिल्ला लगाकर दैनिक कार्य संपादित किया।
बता दें की अधिवक्ता विनीता कालिंदी, अधिवक्ता सोमा दास, अधिवक्ता विनीता सिंह, अधिवक्ता रेखा अधिवक्ता उमारानी, अधिवक्ता अनुराधा, अधिवक्ता बबीता जैन, अधिवक्ता पूनम, अधिवक्ता ज्योति आदि महिला अधिवक्ताओं ने सभी अधिवक्ताओं को काला फीता लगाया और महिला संबंधी मुद्दों पर दृढ़ता से साथ देने का आह्वान किया।
एडहॉक कमेटी के अधिवक्ता टीएन ओझा के अनुसार भारत देश की सभ्यता संस्कृति में महिला को देवी के रूप में पूजा जाता है। उस देश में नारी की मर्यादा और चीरहरण की घटना वास्तव में बहुत ही दुखदाई और निंदा जनक है। उन्होंने इस आशय की उद्घोषणा बार भवन में सार्वजनिक रूप से की।
महिला अधिवक्ताओं के अनुसार मणिपुर, राजस्थान, बिहार, बंगाल हो या देश का कोई भी हिस्सा, इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा की घटनाओं की रिपोर्ट सभ्य समाज को चिंतित और विचलित कर रही है। यदि प्रशासन और राज्य सरकारें अक्षम है तो ऐसे मामलों में महामहिम राष्ट्रपति को महिला होने के नाते खुद हस्तक्षेप करना चाहिए।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार दिल्ली का निर्भया कांड में भी अधिवक्ताओं ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए जिला प्रशासन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को मांग पत्र भेजा था और इस बार अधिवक्ता बहनों द्वारा की गई यह पहल सराहनीय है।
अनुसार अधिवक्ता भवेश के अनुसार मणिपुर की घटना के विरोध में काला बिल्ला लगाया है यदि कोई राजस्थान पश्चिम बंगाल घटना के विरोध में लगाना चाहता है लगाए, लेकिन महिला के सम्मान मर्यादा अधिकार के लिए सभी को खड़े होना चाहिए।
लेखक की कलम से – महिलाओं के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ पूरा देश खड़ा है। कुकृत्य करने वालों को सरेआम सजा देना चाहिए सजा भी ऐसी हो की ऐसा कुकृत्य करने के बारे में विचार रखने वाले भी हजार बार सोचे।