जमशेदपुर : जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की इग्नू बी.एड प्रोग्राम की कार्यशाला के चौथे दिन इग्नू की समन्वयक डॉ. त्रिपुरा झा ने प्रार्थना सभा के साथ प्रथम सत्र में चारों सत्र का विषय प्रवेश कराते हुए ‘पाठ योजना के महत्व और आवश्यकता’ पर संक्षेप में प्रकाश डाला।
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प्रथम और द्वितीय सत्र में शिक्षार्थियों को ‘पाठ योजना निर्माण’ के नियमों की जानकारी दी गई और विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों ने शिक्षार्थियों को पाठ योजना का निर्माण करवाया। विषय विशेषज्ञों में डॉ. समीउल्लाह ने गणित, डॉ. त्रिपुरा झा ने हिन्दी साहित्य, डॉ. बीरू प्रकाश महतो ने सामाजिक विज्ञान, डॉ. मनोज कुमार ने विज्ञान और डॉ.अरुणिमा कुमारी ने अंग्रेजी विषय पर शिक्षार्थियों का पाठ योजना निर्माण में मार्गदर्शन किया । सत्र के दौरान प्रत्येक शिक्षार्थी ने दो – दो विषयों पर पाठ योजना का निर्माण किया। विषय विशेषज्ञों ने शिक्षार्थियों द्वारा निर्मित विभिन्न पाठ योजनाओं की जांच की और मूल्यवान सुझाव भी दिए।
तृतीय सत्र की संसाधन सेवी जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के एम. एड विभाग की शिक्षिका डॉ. अपर्णा कर ने ‘तदानुभूति विकसित करना’ विषय पर जानकारी दी और अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. अपर्णा कर ने बच्चों से तदानुभूतिपूर्वक व्यवहार करने के कौशल को विकसित करने पर भी प्रकाश डाला और इसकी आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
अंतिम सत्र में जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की सहायक अध्यापिका डॉ. गीता महतो ने शिक्षण में श्रव्य दृश्य सामग्री की आवश्यकता और महत्व की जानकारी दी। शिक्षार्थियों ने शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को बेहतर बनाने हेतु स्वनिर्मित श्रव्य दृश्य शिक्षण सामग्री का प्रदर्शन किया। शिक्षार्थियों ने हिन्दी,अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के विभिन्न विषयों पर निर्मित गुणवत्तापूर्ण पी.पी.टी भी प्रदर्शित की।
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कार्यशाला को सफल बनाने में श्री प्रभाकर राव और श्री उपेंद्र शर्मा समेत सभी संसाधन सेवियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का सत्रावसान हुआ। कार्यशाला में शिक्षक, छात्राएं, छात्र, संसाधन सेवी उपस्थित रहे।