दिल्ली : दिनांक 1 मार्च 2021 को हरियाणा के बहादुरगढ़ से सटे दिल्ली के सीमावर्ती गांव झाड़ौदा कलां के स्थानीय ग्रामीणों का सब्र अब टूट चुका है।
आपको बता दें कि किसान आंदोनलकर्ताओं के बहादुरगढ़ बॉर्डर पर आवाजाही बंद किए जाने के विरोध में गांव वालों ने सड़क पर भी यातायात को बंद कर दिया था और राकेश टिकैत एवं नकली किसान जो कृषि कानूनों के विरोध में बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे थे उनके खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने खूब नारेबाजी की। पूरे दो घंटे तक स्थानीय ग्रामीणों ने बहादुरगढ़ रोड पर आवागमन को बंद कर रखा था ।
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विरोध प्रदर्शन में शामिल मौजीराम ने बताया कि यदि जल्द ही बार्डर पर आवागमन आरम्भ न किया गया तो दुबारा ट्रैफिक जाम की जाएगी। यह समस्या दिल्ली के हर सीमावर्ती गांव से जुड़ा है इसलिए यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली के आसपास के सभी गांवों से समर्थन मिल रहा है।
दो घंटे के बाद पुलिसकर्मियों के समझाने पर ही स्थानीय ग्रामीण सड़क से हटने को तैयार हुए। लगभग दो घंटे तक आवागमन बाधित रहने पर यातायात पर भारी असर पड़ा। ट्रैफिक पुलिस ने अन्य वाहन चालकों को इस रास्ते न जाने की सलाह दी, साथ ही आवागमन के लिए मार्ग भी बदल दी गयी।
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ग्रामीणों का कहना है कि बहादुरगढ़ मेन रोड पर यातायात बाधित होने की वजह से हरियाणा से दिल्ली आवागमन के लिए खेतों के बीच से गुजरना पड़ता है। अब ये खेत नहीं रह गए हैं, इन रास्तों पर से बड़ी संख्या में वाहन गुजरते रहते हैं। छोटे और भारी वाहन इन रास्तों से गुजरते हैं। यही नहीं बाहरी वाहन गावों की आंतरिक सड़कों से भी आवागमन करने लगे हैं जिसके कारण ग्रामीण सड़कें जर्जर होने लगी हैं।
अधिक वाहनों के गुजरने के कारण धूल एक बड़ी समस्या बन गयी है। सड़क के किनारे खेत में लगी फसल पर धूल की मोटी परत जमी है। जिससे फसल का विकास ही रुक गया है। आवागमन ठप्प होने की वजह से इन इलाकों में खाद्य पदार्थों के दामों में वृद्धि हो गई हैं। ग्रामीणों ने इन सभी समस्याओं से निजात पाने की ठान ली हैं , यदि किसान आंदोलन करने वाले टिकैत और उनकी टीम ने जल्द ही इस पर फैसला नहीं लिया तो स्थानीय ग्रामीण इनके खिलाफ तैयार हैं।
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