एक ओर जहां पूरी दुनिया कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कहर को झेल रही है। वहीं दूसरी ओर दुनियाँ में एक और महामारी के आने की दस्तक हो चुकी है। वैज्ञानिक उन वायरसों की खोज कर रहे हैं, जिसके कारण अगली महामारी के आने का खतरा बढ़ सकता है।
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के शीर्ष विशेषज्ञों ने यह चेतावनी दी है कि ‘स्पेनिश फ्लू’ (Spanish Flu) दुनियाँ में दुबारा लौट (Return) सकता है। यह महामारी 100 वर्ष पहले लगभग पांच करोड़ लोगों को लील चुका है।
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ब्रिटिश अखबार द सन की रिपोर्ट की माने तो WHO के ‘ग्लोबल इंफ्लूएंजा सर्विलांस एंड रिस्पांस सिस्टम’ के शीर्ष सदस्य डॉ जॉन मैककौली (Dr John McCauley) ने बताया कि ये सामान्य फ्लू वायरस में परिवर्तन कर इसे अधिक खतरनाक महामारी में बदल सकता है। और यह आने वाली अगली महामारी का कारण भी बन सकता है।
डॉ जॉन मैककौली ने साफ तौर पर कहा है कि उनकी सबसे बड़ी चिंता अब आम फ्लू को लेकर है। फ्लू का स्ट्रेन भविष्य में होने वाली महामारी की वजह बनेगी। इस फ्लू के होने का कारण पक्षी ही हैं।
डॉ जॉन मैककौली ने यह भी बताया कि कोरोना से बचने के उपाय जैसे कि सामाजिक दूरी, नियमित रूप से हाथ धोना आदि के द्वारा एक सदी से अधिक समय तक फ्लू का सर्कुलेशन अधिक नहीं हो पाया है। किन्तु लोगों की घटती इम्युनिटी के कारण सीजनल फ्लू जैसे वायरस अधिक खतरनाक हो सकते हैं।
ब्रिटेन को पहले ही चेतावनी देकर बताया जा चुका है कि आने वाली सर्दियों तक देश में फ्लू के मामलों में बढोत्तरी होगी।
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क्या स्पेनिश फ्लू से लड़ने को दुनियाँ तैयार है?
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, वैसे लोगों को अधिक नुकसान होगा जो कोरोनावायरस और फ्लू , दोनों से संक्रमित हुए है, लेकिन जिन्हें सिर्फ कोरोना का संक्रमण है वैसे लोगों को मरने का खतरा कम रहेगा। वर्ष 1918 में स्पेनिश फ्लू के कारण दुनिया की एक तिहाई आबादी इससे संक्रमित हो गई थी।
स्पेनिश फ्लू के कारण लगभग पांच करोड़ लोगों की मौत हुई थी, जो कि प्रथम विश्व युद्ध में हुई मौतों से भी अधिक है। डॉ मैककौली ने चेतावनी देते हुए कहा है कि हमें इस महामारी के लिए तैयार रहना ही होगा।